चार लाभार्थी कंपनियों को कुल 40 गीगावाट प्रति घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल क्षमता की गई प्रदान : भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा

चार लाभार्थी कंपनियों को कुल 40 गीगावाट प्रति घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल क्षमता की गई प्रदान : भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा

चार लाभार्थी कंपनियों को कुल 40 गीगावाट प्रति घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल क्षमता की गई प्रदान : भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। संसद में मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, लिथियम-आयन बैटरी और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के लिए एशियाई देशों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से, चार लाभार्थी कंपनियों को कुल 40 गीगावाट प्रति घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) क्षमता प्रदान की गई है और परियोजनाएं कार्यान्वयनाधीन हैं।

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भारत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन और प्रचार के लिए मुख्यतः अन्य एशियाई देशों पर निर्भर है, जिससे उद्योग को सप्लाई चेन जोखिमों और मूल्य में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।

केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ग्लोबल बैटरी वैल्यू चेन का अधिकांश आयात चीन से होता है, क्योंकि वैल्यू चेन में चीन की महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

राज्य मंत्री ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा संचालित उन्नत रसायन विज्ञान सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए पीएलआई योजना के अंतर्गत एक लाभार्थी कंपनी ने 1 गीगावाट प्रति घंटा एसीसी क्षमता की स्थापना की पुष्टि की है, जो वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चल रही है।

खान मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जनवरी, 2025 को 2024-25 से 2030-31 तक सात वर्षों की अवधि के लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) के शुभारंभ को मंजूरी दी है।

इस मिशन का प्रस्तावित व्यय 16,300 करोड़ रुपए और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और अन्य हितधारकों द्वारा 18,000 करोड़ रुपए का अपेक्षित निवेश है।

राज्य मंत्री ने कहा कि एनसीएमएम का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों की दीर्घकालिक सस्टेनेबल सप्लाई सुनिश्चित करना और भारत की महत्वपूर्ण खनिज वैल्यू चेन को मजबूत करना है।

उन्होंने आगे कहा, खनिज संसाधनों से समृद्ध देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग विकसित करने के उद्देश्य से, खान मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, जाम्बिया, पेरू, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, मलावी, कोट डी आइवर जैसे कई देशों की सरकारों और इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ द्विपक्षीय समझौते किए हैं।

खान मंत्रालय ने एक संयुक्त उद्यम कंपनी, खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) की भी स्थापना की है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक महत्व वाली विदेशी खनिज संपत्तियों की पहचान करना और उनका अधिग्रहण करना है, विशेष रूप से लिथियम, कोबाल्ट आदि जैसे खनिजों पर।

काबिल ने कैटमार्का प्रांत की राज्य-स्वामित्व वाली उद्यम कैमयेन के साथ अर्जेंटीना में 5 लिथियम ब्लॉकों के एक्सप्लोरेशन और माइनिंग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, काबिल ने अर्जेंटीना के कैटमार्का प्रांत में 15,703 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है, जो लिथियम एक्सप्लोरेशन और माइनिंग के लिए समर्पित होगा।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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