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तीन रात बिना सोए रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है : अध्ययन

तीन रात बिना सोए रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है : अध्ययन

तीन रात बिना सोए रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है : अध्ययन

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IANS
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Sleep disturbances

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। एक नये अध्ययन के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति लगातार तीन रातों तक ठीक से नहीं सोता है, तो उसे दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है।

स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि जब नींद पूरी नहीं होती, तो शरीर में सूजन (इंफ्लेमेशन) बढ़ जाती है। यही सूजन दिल की बीमारियों की वजह बन सकती है।

इस अध्ययन के प्रमुख डॉक्टर जोनाथन सेडरनेस ने बताया कि अब तक किए गए ज्यादातर शोधों में अधेड़ उम्र के लोगों पर ध्यान दिया गया है, जिनमें पहले से ही दिल की बीमारी का जोखिम होता है। लेकिन इस बार जब बिल्कुल स्वस्थ और युवा लोगों को कुछ रातों तक ठीक से नहीं सोने दिया गया, तब भी उनके शरीर में वही बदलाव दिखे। इसका मतलब है कि जीवन के शुरुआती दिनों में ही हृदय संबंधी स्वास्थ्य के लिए नींद के महत्व पर जोर देना जरूरी है

इस शोध में 16 जवान और स्वस्थ पुरुषों को शामिल किया गया। इन सबका वजन सामान्य था और नींद की आदतें भी ठीक थीं। सभी को दो बार एक नींद प्रयोगशाला में रखा गया- एक बार उन्हें तीन रातों तक अच्छी नींद लेने दी गई, और दूसरी बार हर रात सिर्फ़ 4 घंटे की नींद दी गई। दोनों बार खाने और गतिविधियों को भी नियंत्रित रखा गया।

हर सुबह और शाम, उनके खून के नमूने लिए गए- खासकर 30 मिनट की तेज कसरत के बाद। वैज्ञानिकों ने खून में लगभग 90 तरह के प्रोटीन की मात्रा मापी। जब नींद पूरी नहीं हुई थी, तब कई ऐसे प्रोटीन की मात्रा बढ़ी जो शरीर में सूजन और दिल की बीमारियों से जुड़े होते हैं।

शोधकर्ताओं ने बायोमार्कर रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा कि इनमें से कई प्रोटीन पहले से ही हार्ट फेल होने और धमनियों में रुकावट जैसी बीमारियों से जोड़े जा चुके हैं।

शोध में यह भी देखा गया कि व्यायाम करने के बाद शरीर की प्रतिक्रिया थोड़ी बदली, अगर व्यक्ति ने कम नींद ली थी। लेकिन अच्छी बात यह रही कि कुछ अच्छे प्रभाव वाले प्रोटीन भी बढ़े। चाहे व्यक्ति ने अच्छी नींद ली हो या नहीं। यानी कम नींद के बावजूद कसरत के कुछ फायदे फिर भी मिलते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि जब कम नींद के साथ व्यायाम किया जाता है, तो यह दिल की मांसपेशियों पर थोड़ा ज्यादा असर डाल सकता है।

अंत में सेडरनेस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि महिलाओं, वृद्ध व्यक्तियों, हृदय रोग से पीड़ित रोगियों या अलग-अलग नींद पैटर्न वाले लोगों में ये प्रभाव कैसे भिन्न हो सकते हैं।

--आईएएनएस

एएस/

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