आरबीआई की तीन-दिवसीय एमपीसी बैठक शुरू, ब्याज दर कटौती पर होगा फैसला

आरबीआई की तीन-दिवसीय एमपीसी बैठक शुरू, ब्याज दर कटौती पर होगा फैसला

आरबीआई की तीन-दिवसीय एमपीसी बैठक शुरू, ब्याज दर कटौती पर होगा फैसला

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IANS
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Mumbai: RBI Governor Sanjay Malhotra's press conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो गई है और इस बैठक में रेपो रेट के साथ कई अन्य वित्तीय मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे।

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एनालिस्ट का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ और कम महंगाई दर को देखते हुए आरबीआई रेपो रेट को यथावत रखा सकता है।

मौजूदा समय में रेपो रेट 5.50 प्रतिशत है। इस साल की शुरुआत से अब तक आरबीआई इसमें एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून की 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है।

विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि जीएसटी सुधारों का मांग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अपेक्षा से अधिक जीडीपी वृद्धि हुई है और मुद्रास्फीति की दर में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसके बाद यह दर और बढ़ने की उम्मीद है।

एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के पटरी पर लौटने के बीच जीएसटी युक्तिकरण के साथ मुद्रास्फीति 2004 के बाद से अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आने की ओर अग्रसर है, ऐसे में ब्याज दरों में कटौती आरबीआई के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

आरबीआई ने जून 0.50 प्रतिशत की कटौती के बाद, अगस्त की बैठक में नीतिगत दर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार, हमारा मानना ​​है कि सीपीआई मुद्रास्फीति अभी अपने निचले स्तर पर नहीं पहुंची है, और जीएसटी युक्तिकरण किए जाने के कारण इसमें 65-75 आधार अंकों की और गिरावट आ सकती है।

घोष ने कहा, वित्त वर्ष 27 में भी मुद्रास्फीति नरम बनी रहेगी और जीएसटी में कटौती के बिना, यह सितंबर और अक्टूबर में 2 प्रतिशत से नीचे चल रही है। वित्त वर्ष 27 के सीपीआई के आंकड़े अब 4 प्रतिशत या उससे कम पर हैं और जीएसटी युक्तिकरण के साथ, अक्टूबर का सीपीआई 1.1 प्रतिशत के करीब हो सकता है, जो 2004 के बाद सबसे निचला स्तर है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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