‘पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब दो लोगों की हत्या की’, बलूच मानवाधिकार संस्था का दावा

‘पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब दो लोगों की हत्या की’, बलूच मानवाधिकार संस्था का दावा

‘पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब दो लोगों की हत्या की’, बलूच मानवाधिकार संस्था का दावा

author-image
IANS
New Update
2 victims of enforced disappearances executed by Pak army: Baloch human rights body

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

क्वेटा, 12 जून (आईएएनएस)। बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार संगठन पांक ने गुरुवार को बलूचिस्तान के अवारन जिले के मशकई में पाकिस्तानी सेना द्वारा जबरन गायब किए गए दो और लोगों की हत्या की कड़ी निंदा की।

मानवाधिकार संस्था की ओर से जारी बयान में कहा गया है, पाकिस्तानी सेना ने मशकई कैंटोनमेंट में अली मुहम्मद और निजार की हत्या कर दी। वे दोनों पहले भी जबरन गायब किए गए थे और उनके शवों को मशकई अस्पताल में भेज दिया गया। हकीम के बेटे अली मुहम्मद को 1 फरवरी 2025 को मशकाई खांदरी में सैन्य छापेमारी के दौरान अगवा किया गया और हिरासत में यातना दी गई। 11 जून को उनकी हत्या कर शव अस्पताल में फेंक दिया गया।

मानवाधिकार संस्था ने कहा कि निजार 23 दिसंबर 2024 को मशकई मजाराबाद से जबरन गायब हो गया और 11 जून को उसी छावनी में उसकी हत्या कर दी गई थी। इस बीच, उसका भाई गुलदाद भी लापता है।

मानवाधिकार संस्था ने इन हत्याओं को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन बताया और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जांच और दोषियों को जवाबदेह बनाने की मांग की।

वहीं, बलूच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) ने बलूच जेल में अपने नेताओं के उत्पीड़न की निंदा की और पाकिस्तानी अधिकारियों से इसे तुरंत रोकने की मांग की।

बीवाईसी के अनुसार, क्वेटा की हदा जेल के नए जेल अधीक्षक सैयद हमीदुल्लाह पेची उनके नेताओं को मानसिक और शारीरिक यातना दे रहे हैं और उनके परिवारों को भी परेशान कर रहे हैं, जिन्हें अपने प्रियजनों से मिलने के लिए जेल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।

बीवाईसी ने कहा कि उसके नेताओं, बेबिगर बलूच और शाहजी बलूच को अलग-अलग कोठरियों में बंद कर दिया गया है, जहां उन्हें चिकित्सा उपचार, अपने परिवारों से मिलने और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया है।

बयान में कहा गया है, जब उन्होंने इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई तो अधीक्षक सैयद हमीदुल्लाह पेची ने उनके साथ बेहद अभद्र व्यवहार किया और यहां तक कि शारीरिक हिंसा का प्रयास भी किया।

मानवाधिकार संगठन ने चिंता जताते हुए कहा कि बेबिगर बलूच शारीरिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें लगातार चिकित्सा सुविधाओं और जांच की जरूरत है, लेकिन जेल प्रशासन इन सुविधाओं को देने से साफ मना कर रहा है।

बीवाईसी ने कहा, इसी तरह बीवाईसी की मुख्य आयोजक माहरंग बलूच और उनकी साथी बेबो बलूच तथा गुलजादी बलूच को भी लगातार परेशान किया जा रहा है।

अधीक्षक ने इन महिला नेताओं पर और सख्त पाबंदियां लगा दी हैं। जब उन्होंने अपने बुनियादी अधिकारों के लिए आवाज उठाई, तो उन्हें धमकाया गया और कई तरह से परेशान किया गया।

बीवाईसी ने जेल प्रशासन और अधीक्षक को चेतावनी दी कि वे नेताओं का उत्पीड़न तुरंत रोकें और उनके कानूनी, मानवीय और चिकित्सा अधिकारों को बहाल करें। उन्होंने कहा कि वे किसी भी हालत में इस उत्पीड़न के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे।

--आईएएनएस

एफएम/एकेजे

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment