पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने पॉपुलर रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के 122वें एपिसोड में शुगर बोर्ड का भी जिक्र किया है. जिसमें उन्होंने कहा- 'फिट इंडिया ही स्ट्रॉन्ग इंडिया की नींव है.' इसके साथ ही उन्होंने सीबीएसई की भी तारीफ की है. उन्होंने इस एपिसोड में हेल्दी रहने पर काफी जोर दिया है. इस खास एपिसोड में उन्होंने मौजूदा सामाजिक, आर्थिक और विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी. उनका यह कार्यक्रम आकाशवाणी, दूरदर्शन, और अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया गया. आइए आपको बताते है कि क्या है शुगर बोर्ड जिसकी मोदी ने तारीफ की है.
'तुलसी भाई' का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ''योग दिवस के साथ-साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में भी कुछ ऐसा हुआ है, जिसके बारे में जानकर आपको बहुत खुशी होगी. कल ही यानी 24 मई को डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल और मेरे मित्र तुलसी भाई (Tedros Adhanom Ghebreyesus) की मौजूदगी में एक एमओयू साइन किया गया है.
क्या है शुगर बोर्ड
CBSE बोर्ड ने बच्चों में बढ़ते डायबिटीज के खतरे को देखते हुए सभी स्कूलों को ‘शुगर बोर्ड’ लगाने के निर्देश दिए हैं. इस बोर्ड में शुगर इंटेक से जुड़ी जरूरी जानकारी होगी जैसे- हर दिन कितनी शुगर ली जा सकती है या जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स में कितनी शुगर होती है. इसी के साथ इन बोर्ड्स के जरिए उन हेल्थ रिस्क्स के बारे में बताना होगा जो ज्यादा शुगर लेने से होते हैं और शुगर के हेल्दी ऑप्शन्स क्या हैं. इससे स्टूडेंट्स अपने खाने को लेकर जागरूक होंगे और लंबे समय तक बीमारियों से दूर रह पाएंगे.
आयुष का परचम बुलंद होगा
इस समझौते के साथ ही इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ हेल्थ इंटरवेंशंस के तहत एक डे डेडिकेटेड ट्रेडिशनल मेडिसिन मॉड्यूल पर काम शुरू हो गया है. इस पहल से, आयुष को पूरी दुनिया में वैज्ञानिक तरीके से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.''
स्कूल में शुगर बोर्ड की तारीफ
स्कूलों में हो रहे विकास के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''आपने स्कूलों में ब्लैकबोर्ड तो देखा होगा, लेकिन अब कुछ स्कूलों में 'शुगर बोर्ड' भी लगाया जा रहा है. सीबीएसई की इस अनोखी पहल का मकसद है, बच्चों को उनके शुगर इनटेक के प्रति जागरूक करना है. इसके तहत, कितनी चीनी लेनी चाहिए, और कितनी चीनी खाई जा रही है, ये जानकर बच्चे खुद से ही हेल्दी ऑप्शन चुनने लगे हैं.
हर जगह फॉलो हो ये तरीका
ये एक अनोखी कोशिश है और इसका असर भी बड़ा पॉजिटिव होगा. बचपन से ही हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतें डालने में यह काफी मददगार साबित हो सकता है. कई पैरेंट्स ने इसे सराहा है और मेरा मानना है, ऐसी पहल दफ्तरों, कैंटीनों और संस्थानों में भी होनी चाहिए. आखिरकार, सेहत है तो सब कुछ है. फिट इंडिया ही स्ट्रॉन्ग इंडिया की नींव है. 'मन की बात' का प्रसारण 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों, और 11 विदेशी भाषाओं में किया जाता है, जिसमें फ्रेंच, चीनी, और अरबी जैसी भाषाएं शामिल हैं.