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patanjali Photograph: (social media)
Patanjali News: आज के खानपान और रहनसहन के कारण सेहत की कई समस्याएं सामने आ रही है. ऐसे में आयुर्वेद एक असरदार सामाधान के रूप में उभर रहा है. ऐसे में देश ही नहीं दुनिया भर के लोग अपनी रोज़मर्रा की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं. इस दिशा में पतंजलि आयुर्वेद ने परंपरागत आयुर्वेदिक ज्ञान को मॉडर्न वैज्ञानिक रिसर्च से जोड़कर एक नई दिशा दी है. आइए जानते हैं कि कौन-कौन से आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले नुस्खे
पतंजलि के प्रोडक्ट्स में कई तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है. हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के लिए काफी फायदेमंद हैं. मौसमी एलर्जी, संक्रमण और फ्लू के बढ़ते केस को देखते हुए, हमारे खान-पान में इम्युनिटी बढ़ाने वाले तत्वों को जोड़ा जाता है. ऐसी कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं आंवला, गिलोय, घृत, दालचीनी, गंभीरी, पिप्पली, गोखरू पंचांग आदि. NCBI में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आया है कि ये हर्ब्स शरीर में सूजन कम करने में असरदार पाए गए हैं.
किडनी केयर के लिए क्या है आयुर्वेदिक उपाय
साल 2024 में Scientific Reports नामक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित शीर्ष में 100 शोध पत्रों में पतंजलि का नाम भी सामने आए हैं. इसकी वजह है कि पतंजलि एक आयुर्वेदिक संरचना (formulation) को किडनी की परेशानियों को सुधारने में प्रभावी को बताया गया है. जड़ी-बूटियां जैसे अपामार्ग, गोखरू, पुनर्नवामूल, पाषाणभेद, पलाश, वरुण और कसनी किडनी कोशिकाओं को नुकसान से बचाने के साथ ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) कम करने माइटोकॉन्ड्रिया के कामकाज को बेहतर बनाने और कोशिकाओं की मृत्यु (cell-death) की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद होगी. ये सभी किडनी हेल्थ को बेहतर करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं.
पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पादों में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों के फायदों आपको इंटरनेट पर मिल जाएंगे. ब्रांड अपने हर दावे को साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण भी देता है. पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन अपने सभी प्रोडक्ट्स के लिए व्यापक रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल करता है. इस फाउंडेशन की लैब्स को सरकारी एजेंसियों की ओर मान्यता प्राप्त है.