मरने के बाद भी जिंदा रहते हैं शरीर के ये अंग, इतने टाइम में कर सकते है ट्रांसप्लांट

इंसान की मौत के बाद शरीर के कई अंग ऐसे होते हैं जो कि मरने के बाद भी कई घंटों तक जिंदा रहते हैं, जिन्हें निकालकर ट्रांसप्लांट किया जाता है. आइए आपको बताते है.

इंसान की मौत के बाद शरीर के कई अंग ऐसे होते हैं जो कि मरने के बाद भी कई घंटों तक जिंदा रहते हैं, जिन्हें निकालकर ट्रांसप्लांट किया जाता है. आइए आपको बताते है.

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Nidhi Sharma
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body parts Photograph: (freepik)

मरने के बाद इंसान के शरीर को या तो दफना दिया जाता है या फिर उसका दाह संस्कार कर दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के कई अंग ऐसे हैं जो कि मरने के बाद भी कई घंटों तक जिंदा रहते हैं और काम भी करते हैं. वहीं आपने देखा होगा कि कुछ लोग मरने के बाद अंगों केो दूसरे मरीज पर ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है. वहीं हाल ही में साउथ एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी का 87 साल में निधन हो गया है. जिसके बाद उनकी आंखों का दान किया गया है. आइए आपको बताते हैं शरीर के किन अंगों का दान किया जा सकता है. 

दिल 

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मरने के बाद आप हार्ट यानी दिल का ट्रांसप्लांट कर सकते हैं. मरने के बाद 4 से 6 घंटे के अंदर इसका ट्रांसप्लांट करना सबसे अच्छा माना जाता है.

आंखें 

दान करने की बात करें तो सबसे ज्यादा आंखें दान की जाती हैं, मरने के बाद आंखों के कॉर्निया को मृत्यु के बाद 6 से 8 घंटे के भीतर निकाला जा सकता है. जिसके बाद आंखों को आई बैंक में रखा जाता है. 

किडनी 

मरने के बाद 24 से 36 घंटे तक इसका ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. वहीं कुछ मामलों में 72 घंटे तक भी इसका दान किया जा सकता है.  

फेफड़े 

फेफड़े भी 4 से 6 घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट करना सबसे अच्छा माना जाता है. 

लिवर 

लिवर को ट्रांसप्लांट के लिए 8 से 12 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

आंतें 

आंतों को 8 से 16 घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट करना जरूरी है.  

पैनक्रियाज 

पैनक्रियाज को आमतौर पर 12 से 18 घंटे तक ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ स्त्रोतों के अनुसार यह 24 घंटे तक भी हो सकता है.  

स्किन 

त्वचा को मरने के बाद 24 घंटे के अंदर निकाला जा सकता है और इसे 5 साल तक संग्रहीत किया जा सकता है. 

हड्डियां 

हड्डियों को भी 24 घंटे के भीतर निकालकर 5 साल तक संग्रहीत किया जा सकता है.

हार्ट वॉल्व

हार्ट वॉल्व को मृत्यु के बाद निकाला जा सकता है और इन्हें 10 साल तक संग्रहीत किया जा सकता है.

इस तरीके से कर सकते हैं अंग दान 

बता दें कि जब कोई इंसान अस्पताल में 'मस्तिष्क मृत' घोषित किया गया हो और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया हो. तभी आप  अंगों का दान कर सकते हैं.  ऐसा इसलिए होता है, ताकि अंगों को ऑक्सीजन मिलती रहे और वे व्यवहार्य रहें. यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु घर पर या हृदय गति रुकने से होती है, तो उसके महत्वपूर्ण अंगों का दान आमतौर पर संभव नहीं होता.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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