Mental Stress क्यों बन रहा है लोगों की मौत का कारण, जानिए इसके पीछे की वजह

हाल ही में ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के एक छात्र शिवम डे ने आत्महत्या कर ली है. उन्होंनें अपने सुसाइड नोट में मानसिक तनाव और प्रेशर को जिम्मेदार बताया है.

हाल ही में ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के एक छात्र शिवम डे ने आत्महत्या कर ली है. उन्होंनें अपने सुसाइड नोट में मानसिक तनाव और प्रेशर को जिम्मेदार बताया है.

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Nidhi Sharma
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Suicide

Mental Stress

इन दिनों आत्महत्या के केस काफी ज्यादा बढ़ रहे है. आए दिन रोजाना नए केस सुनने को मिलते है. जिसमें ज्यादातर लोगों ने मानसिक तनाव की वजह से सुसाइड की है. वहीं हाल ही में ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के छात्र शिवम डे ने आत्महत्या कर ली है. बता दें कि शिवम B. Tech का स्टूडेंट था. यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार उसने बाहर किसी निजी हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर अपनी जान दे दी. शिवम ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था. जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था. उन्होंने इसके पीछे मानसिक तनाव और प्रेशर को जिम्मेदार बताया है. आइए आपको बताते हैं कि मानसिक तनाव की वजह से क्यों लोग सुसाइड कर रहे है. 

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आत्महत्या का कारण

एक्सपर्ट के मुताबिक, आत्महत्या का बड़ा कारण मानसिक तनाव होता है. यह डिप्रेशन को जन्म देता है. मानसिक तनाव से डिप्रेशन में जाने की शुरुआत धीरे-धीरे होती है. लोग 6 महीने या फिर सालभर तक भी डिप्रेशन में रह सकते हैं. जो कि बाद में आत्महत्या का कारण बन जाता है.  मानसिक तनाव की बात करें तो वो किसी को भी हो सकता है. काम का प्रेशर, नौकरी की चिंता, परिवार के मसले. यह हर इंसान के जीवन में है. जो कि तनाव का एक बड़ा कारण है. लेकिन अगर किसी को स्ट्रेस हमेशा रहें तो यह जानलेवा बन सकता है. मानसिक तनाव में रहने से ब्रेन में न्यूरोकेमिकल में बदलाव होने लगता है. इससे दिमाग में अच्छे हार्मोन की कमी हो जाती है. जिससे की व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है. 

मानसिक तनाव के क्या हैं कारण

दुख और परेशानी उसको ज्यादा लगने लगती है. इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है. जिससे वह डिप्रेशन में जाने लगता है. डिप्रेशन से दिमाग में नेगेटिव विचार पैटर्न बनने लगता है. ऐसे में इंसान को लगता है कि उसके पास कोई राश्ता नहीं बचा है. जिस वजह से उसे फाइनल राश्ता आत्महत्या का लगता है. 

तनाव से लेकर डिप्रेश और आत्महत्या तक एक लंबा दौर चलता है. जिसे रोका जा सकता है. वहीं इंसान में इसके लक्षण भी दिखने लगते हैं. वहीं अगर कोई इंसान पहले से ज्यादा शांत हो गया हो, या फिर उसे अकेला रहना पसंद हो, छोटी-छोटी बातों निराश होने लगता है. लगातार उदासी रहती है और वह बार-बार नकारात्मक बातें करने लगता है तो ये मानसिक तनाव के बने रहने के शुरुआती लक्षण हैं. इसके कुछ शारीरिक लक्षण भी दिखते हैं. जैसे नींद न आना या बहुत ज्यादा सोना या भूख न लगना. 

इस तरह रखें ध्यान 

अगर आपको जीवन की कोई परेशानी हो तो उसे  दूसरो के साथ जरूर शेयर करें. 

रोज एक्सरसाइज करें.

योग और ध्यान करें.

डिप्रेशन में हैं तो एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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