Nimesulide Ban: बुखार और दर्द की इस दवा पर सरकार ने लगाई रोक, जानें क्या है वजह?

Nimesulide Ban: सरकार ने 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड की सभी ओरल यानी खाने वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.

Nimesulide Ban: सरकार ने 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड की सभी ओरल यानी खाने वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
Government banned Medicine

Nimesulide Ban: दर्द और बुखार में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवा निमेसुलाइड को लेकर केंद्र सरकार ने एक अहम और कड़ा फैसला लिया है. सरकार ने 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड की सभी ओरल यानी खाने वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इस निर्णय को सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Advertisment

कानूनी आधार और प्रक्रिया

यह प्रतिबंध ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत लगाया गया है. सरकार ने यह फैसला ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) से विस्तृत परामर्श के बाद लिया. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में साफ कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं, जबकि इनके सुरक्षित और प्रभावी विकल्प पहले से उपलब्ध हैं.

क्यों उठाया गया यह फैसला

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है, जिसका उपयोग दर्द, सूजन और बुखार के इलाज में किया जाता है. हालांकि, इस दवा को लेकर लिवर पर गंभीर दुष्प्रभावों की आशंका लंबे समय से जताई जाती रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों में इसके इस्तेमाल को सीमित या नियंत्रित किया गया है। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उच्च डोज वाली निमेसुलाइड पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

क्या रहेगा और क्या नहीं

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध केवल इंसानों के लिए 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली ओरल निमेसुलाइड दवाओं पर लागू होगा. कम डोज वाली दवाएं और अन्य वैकल्पिक पेनकिलर बाजार में उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही दवा कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस श्रेणी की दवाओं का उत्पादन तुरंत बंद करें और बाजार में मौजूद प्रभावित बैच को वापस मंगाएं.

फार्मा उद्योग पर असर

विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले का असर बड़ी दवा कंपनियों पर सीमित रहेगा, क्योंकि एनएसएआईडी बाजार में निमेसुलाइड की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत कम है. हालांकि, कुछ छोटी फार्मा कंपनियां, जिनकी आय का बड़ा हिस्सा इसी दवा की बिक्री पर निर्भर था, उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य और भविष्य की दिशा

भारत इससे पहले भी धारा 26A के तहत कई फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन और जोखिम वाली दवाओं पर प्रतिबंध लगा चुका है. इसके साथ ही सरकार देश में दवाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (API) के घरेलू उत्पादन पर जोर दे रही है. बल्क ड्रग पार्क योजना के तहत सितंबर 2025 तक हजारों करोड़ रुपये का निवेश इस दिशा में हो चुका है, जो दवा सुरक्षा और गुणवत्ता को और मजबूत करेगा.

यह भी पढ़ें - सिरदर्द से लेकर जोड़ों तक, हर समस्या से निजात दिलाएगी ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी

health
Advertisment