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कोरोना से लड़ने के लिए जायडस की Virafin को मिली मंजूरी

देश में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और रोजाना कोरोना के रिकोर्ड तोड़ केस सामने आ रहे हैं. इस बीच भारत सरकार ने कोरोना को मात देने के मिशन को रफ्तार देने के लिए बड़ा कदम उठाया है.

Updated on: 23 Apr 2021, 04:14 PM

नई दिल्ली:

देश में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और रोजाना कोरोना के रिकोर्ड तोड़ केस सामने आ रहे हैं. इस बीच भारत सरकार ने कोरोना को मात देने के मिशन को रफ्तार देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत के ड्रग्स रेगुलेटर की ओर से शुक्रवार को Zydus की Virafin को मंजूरी दे दी गई है. कोरोना पीड़ितों के इलाज में इस Virafin का इस्तेमाल किया जाएगा. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने जायडस की इस ड्रग को अनुमति दे दी है. 

जायडस ने दावा किया है. इसके इस्तेमाल के बाद सात दिन में 91.15 प्रतिशत कोरोना पीड़ितों का RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया है. कोरोना मरीजों को इस एंटीवायरल ड्रग के उपयोग से काफी राहत मिलती है और कोविड-19 संक्रमण लड़ने की ताकत मिलती है.

कंपनी का दावा है कि कोरोना से संक्रमित होने की शुरुआती समय में अगर Virafin दी जाती है तो मरीजों को कोरोना से निपटने में कोफी मदद मिलेगी और कम दिक्कत होगी. डॉक्टर की सलाह के बाद ही अभी ये ड्रग्स सिर्फ किसी मरीज को दी जाएगी, इन्हें अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा. 

जायडस कंपनी ने इस ड्रग का भारत के करीब 25 सेंटरों पर ट्रायल किया था, जिसमें अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. यही कारण है कि इस ड्रग को लेने के सात दिन बाद कोरोना के मरीजों में अंतर देखने को मिले हैं और RT-PCR कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है. 

सभी लोगों को कोरोना संक्रमित मान रहे हैं अमेरिकी विशेषज्ञ, जानें क्यों

अमेरिका (America) के विशेषज्ञ का कहना है कि चूंकि 60 प्रतिशत तक संक्रमण के मामले पूर्व लाक्षणिक हैं, इस लिहाज से सभी को संक्रमित मान लेना चाहिए. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोरोलाडो बोउल्डर और कोऑपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायर्नमेंटल साइंसेस में कैमिस्ट जोस लुइस जिमिनेज ने चिंता जाहिर की है कि इस बार जो संक्रमण हो रहे हैं उनमें से 30 से 59 प्रतिशत पूर्व लाक्षणिक संक्रमितों से आ रहे हैं ना कि अलाक्षणिकों संक्रमितों से और यही चिंता का विषय है.

छह विशेषज्ञों में शामिल 

जिमिनेज उन छह विशेषज्ञों में शामिल हैं जिनका आंकलन हाल ही में मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित हुआ है जिसमें कहा गया है कि इस बात के पक्के प्रमाण मिल रहे हैं कि कोविड-19 हवा से फैल रहा है. जिमिनेज से बताया कि पूर्व लाक्षणिक लोग वे होते हैं जो वायरस को तो फैलाते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि वे खुद संक्रमित है, इतना ही नहीं दूसरे भी नहीं समझ पाते कि वे संक्रमित हैं.