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कोरोना के बाद मंडराया जीका वायरस का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद जीका वायरस (Zika Virus) ने दस्तक दे दी है. जीका वायरस (Zika Virus) का पहला मामला केरल में सामने आया जिसके बाद से देश के कई राज्यों में इस वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं.

Updated on: 10 Jul 2021, 03:42 PM

highlights

  • केरल में जीका वायरस का पहला मरीज
  • गर्भवती महिलाओं को है ज्यादा खतरा
  • मच्छर के काटने से फैलता है जीका वायरस

नई दिल्ली:

देश में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) तबाही मचा रही है. इस साल अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर (Second Wave) से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे, जिसके बाद मामलों में अब कमी आ रही है. लेकिन अब एक नया वायरस सामने आया है, जिसने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया. इस वायरस का नाम जीका वायरस (Zika Virus). केरल में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है. यहां एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला में इसके संक्रमण की बात सामने आई है. वहीं 13 अन्‍य लोगों के संक्रमित होने का संदेह जताया जा रहा है. 

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कैसे फैसला है जीका वायरस ?

जीका वायरस का पहला मामला युगांडा में 1947 में बंदरों में देखा गया था. 1952 में युगांडा और यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया में पहली बार इंसान में इसे डिटेक्ट किया गया था. यह वायरस भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह मच्छरों से फैलता है, जो दिन के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं. यह इसलिए भी ज्‍यादा भयावह है कि मच्‍छरों के किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी अन्य व्यक्ति को काटने से भी यह वायरस फैल सकता है. इसके अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका वायरस फैलता है. यह वायरस खासतौर पर एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो दिन में ज्‍यादा सक्रिय रहते हैं. इससे प्रेग्‍नेंट महिलाओं के ज्यादा संक्रमित होने का खतरा रहता है.

जीका वायरस के लक्षण ?

जीका वायरस के लक्षण डेंगू के जैसे होते हैं, इसमें बुखार, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते और जोड़ों का दर्द और आंखों का लाल होना शामिल होता है. जीका वायरस के कारण संक्रमित व्यक्ति 7 से 8 दिनों तक प्रभावित रहता है. यह वायरस गर्भवती महिला को ज्यादा प्रभावित करता है. इसके कारण जन्म लेने वाला बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है.

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ऐसे करें बचाव 

जीका वायरस से बचाव के लिए मच्छरों के काटने से बचें. इसके लिए शरीर का अधिकतम हिस्सा ढक कर रखें. खुले में सोएं तो मच्छरदानी का इस्‍तेमाल करें. वहीं घर और आस पास भी साफ सफाई का ख्‍याल रखें. मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए ठहरे पानी को इकट्ठा न होने दें. साथ ही बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आएं तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं. भरपूर आराम के साथ ज्‍यादा से ज्‍यादा तरल पदार्थों का सेवन करें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News Nation इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञों से परामर्श जरूर कर लीजिए.)