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World Most Dangerous Virus: दुनिया की 10 सबसे खतरनाक वायरस जो लेता है लाखों जान हर साल

मार्बर्ग वायरस एक घातक वायरस है जो इबोला वायरस से निकटता से संबंधित है. यह पहली बार 1967 में जर्मनी और यूगोस्लाविया में मारबर्ग शहर में दर्ज किया गया था.

Updated on: 28 Feb 2024, 08:33 PM

नई दिल्ली:

World Most Dangerous Virus: दुनिया में बीमारियों की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. इसकी वजह से कई बार बीमारियों का पता भी नहीं चलता है. हालांकि दुनिया में सबसे ज्यादा मौते वायरस की वजह से होती है. इसमें ईबोला सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये बीमारी होने पर शख्स के पास इलाज करवाने का भी समय नहीं होता है. वहीं इसमें स्वाइन फ्लू और एचआईवी को माना जाता है जिसकी वजह से बहुत ही कम लोग सही ईलाज होने पर बच पाते हैं.  आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ये जानकारी देंगे कि दुनिया की 10 सबसे खतरनाक वायरस कौन सी है जिसकी वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. 

यहां दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस दिए गए हैं.

मार्बर्ग वायरस: मार्बर्ग वायरस एक घातक वायरस है जो इबोला वायरस से निकटता से संबंधित है. यह पहली बार 1967 में जर्मनी और यूगोस्लाविया में मारबर्ग शहर में दर्ज किया गया था, जब प्रयोगशाला कर्मचारियों को संक्रमित बंदरों के संपर्क में आने के बाद बीमार हो गए थे. वायरस मृत्यु दर 24% से 88% तक है.

इबोला वायरस: इबोला वायरस एक घातक वायरस है जो मनुष्यों और प्राइमेट्स में इबोला वायरस रोग (ईवीडी) का कारण बनता है. वायरस पहली बार 1976 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (पूर्व में ज़ैरे) में दर्ज किया गया था. इबोला वायरस रोग के प्रकोप की मृत्यु दर 50% से 100% तक है.

निपाह वायरस

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है जो मनुष्यों और जानवरों में निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस (एनआईवी) का कारण बनता है. वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया में दर्ज किया गया था, जब सुअर किसानों को संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने के बाद बीमार हो गए थे. निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस की मृत्यु दर 40% से 70% तक है.

हेंड्रा वायरस: हेंड्रा वायरस एक जूनोटिक वायरस है जो मनुष्यों और घोड़ों में हेंड्रा वायरस एन्सेफलाइटिस (एचवीई) का कारण बनता है. वायरस पहली बार 1994 में ऑस्ट्रेलिया में दर्ज किया गया था, जब घोड़ों के एक समूह और उन्हें संभालने वाले एक ट्रेनर को बीमार हो गए थे. हेंड्रा वायरस एन्सेफलाइटिस की मृत्यु दर 50% से 70% तक है.

रैबीज वायरस: रैबीज वायरस एक घातक वायरस है जो मनुष्यों और जानवरों में रेबीज का कारण बनता है. वायरस लार के माध्यम से संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है. रेबीज वायरस की मृत्यु दर लगभग 100% है.

एचआईवी: एड्स एचआईवी (मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है. एड्स (अधिग्रहित इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी संक्रमण का सबसे उन्नत चरण है. एचआईवी/एड्स 35 मिलियन से अधिक लोगों को मार चुका है.

हेपेटाइटिस बी: हेपेटाइटिस बी वायरस एक वायरस है जो यकृत को संक्रमित करता है. वायरस संक्रमित रक्त या शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है. हेपेटाइटिस बी वायरस से हर साल 780,000 लोग मरते हैं.

हेपेटाइटिस सी वायरस: यह वायरस भी यकृत को संक्रमित करता है और संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से फैलता है. हेपेटाइटिस सी वायरस से हर साल 399,000 लोग मरते हैं.

हैजा वायरस: यह वायरस दस्त और उल्टी का कारण बनता है और दूषित पानी या भोजन से फैलता है. हैजा वायरस से हर साल 95,000 लोग मरते हैं.

जापानी एन्सेफलाइटिस वायरस: यह वायरस मस्तिष्क की सूजन का कारण बनता है और मच्छरों के काटने से फैलता है. जापानी एन्सेफलाइटिस वायरस से हर साल 68,000 लोग मरते हैं.