World Organ Donation Day: दूसरों के चेहरे पर बिखेरे मुस्कान, जानिए क्यों जरूरी है अंगदान
दुनियाभर में 13 अगस्त को विश्व अंगदान मनाया जाता है और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। भारत में करीब 10,00,00 लोग लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है।
नई दिल्ली:
दुनियाभर में 13 अगस्त को विश्व अंगदान मनाया जाता है और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। भारत में करीब 10,00,00 लोग लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है। पिछले साल 1500 से भी कम लिवर ट्रांसप्लांट किये गए थे। देश में हर साल करीब पांच लाख लोग अंग न मिलने के कारण अपनी जान गवां बैठते है। हमारे देश में अंग दान की हालत कुछ ठीक नहीं है। इसके पीछे कारण जागरूकता की कमी है। मृत्यु के बाद अंग दान के आलावा आप जीवित रहते भी अंग दान कर किसी के जीवन में रंग भर सकते है।
क्या होता है अंगदान ?
अंगदान मतलब जब एक इंसान (मृत या जीवित) से स्वस्थ अंगों और टिशूज़ को लेकर फिर इन अंगों को किसी दूसरे जरूरतमंद शख्स में ट्रांसप्लांट किया जाता है। आप न सिर्फ अंगदान करते है बल्कि उस शख्स को नई जिंदगी भी प्रदान करते है। एक इंसान द्वारा किये गए अंगदान से 8 जरूरतमंद लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है।
किडनी, लिवर का हिस्सा, बोन मैरो जैसे अंगों का ट्रांसप्लांट जीवित रहते हुए भी संभव है। मृत्यु के बाद हार्ट, मस्तिष्क और आंतों को डोनेट कर सकते है। लगभग हर अंग डोनेट किया जा सकता है यहां तक की त्वचा को भी कुछ मामलों में डोनेट किया जाता है।
अंगदान
घर पर होने वाली सामान्य मौत के मामले में सिर्फ आंखें ही दान की जा सकती हैं। जब इंसान की ब्रेन डेथ होती है और उसे वेंटिलेटर या लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर लिया जाता है तब इस मामले में उसका कोई भी अंग लिया जा सकता है। आंखों के अलावा बाकी सभी अंगों का दान ब्रेन डेड होने पर ही किया जा सकता है।
और पढ़ें: World Organ Donation Day 2017: अंगदान से दूसरे को दे जीवनदान, जानें इससे जुड़ी बातें
भारत में अंग दान की स्थिति
भारत में अंग दाताओं की कमी एक गंभीर समस्या है। Donate Life India Organisation ने कुछ कारणों के बारे में बताया:
- अंग दान के बारे में जागरुकता का अभाव होने के कारण हमारे देश में अंगों की बर्बादी होती है। भारत में करीब 10,00,00 लोग लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है। पिछले साल 1500 से भी कम लिवर ट्रांसप्लांट किये गए थे।
- यहां तक कि दान करने के इच्छुक लोग अक्सर अंग दान के पंजीकरण के बारे में ज्ञान की कमी के कारण अपनी इच्छा को सही तरीके से दर्ज करने में विफल हो जाते है।
- जागरूकता और ज्ञान की कमी के कारण फेफड़े / जिगर / किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले कई रोगी इस प्रक्रिया से डरते है।
- अंग दाताओं की कमी भी काला बाजार में अवैध अंगों की मांग का कारण बनती है, जिसकी वजह से अधिक मौतें होती हैं।
क्यों जरूरी है अंग दान
- भारत में अंग डोनर्स की कमी के कारण अंगों के लिए इंतजार करते हुए 90 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु हो जाती है।
- भारत में एक साल में कम से कम 25,000 लीवर ट्रांसप्लांट की मांग है हालांकि, इस आवश्यकता का केवल 3.2 प्रतिशत पूरा हो पता है।
- Donate India Life Organisation के मुताबिक भारत में किडनी ट्रांसप्लांट वाले 30 जरूरतमंदों में से सिर्फ 1 का ही ट्रांसप्लांट हो पाता है।
- एक अंग डोनर आठ लोगों की जान बचा सकता है।
- दुनिया भर में लगभग हर प्रमुख धर्म अंग दान का अनुमोदन करता है।
- भारत में करीब 2,00,000 मरीज किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में है पिछले साल सिर्फ 1,00,00 ट्रांसप्लांट ही हो पाए थे।
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