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महिलाओं में बढ़ रहा दिल की बीमारी
29 सितंबर वर्ल्ड हार्ट डे (world heart day)के तौर पर मनाया जाता है. बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से हार्ट संबंधित बीमारियां (heart disease) काफी आम हो गई है. खासकर हार्ट अटैक (heart attack) और कार्डिएक अरेस्ट. कहा जाता है कि हार्ट अटैक की समस्या पुरुषों में ज्यादा होता है महिलाओं के सामने. लेकिन भारत में इसकी तस्वीर बदलने लगी है. भारतीय महिलाओं में हार्ट की बीमारियां तेजी से बढ़ रहा है. और इसके पीछे उनकी सुस्त जीवनशैली, तनाव, प्रदूषण कारण हो सकते हैं. ऐसे में महिलाओं को हृदय रोग को समझने और उसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है.
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विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) के मौके पर बीएलके सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक और डायरेक्टर डॉ. नीरज भल्ला का कहना है, 'हृदय रोग की वजह हृदय को या उसके किसी हिस्से को पहुंची क्षति, कोरोनरी आर्टरी को पहुंची क्षति या उस तक पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमजोर आपूर्ति होती है.'
भारतीय महिलाओं में हृदय रोग खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है
उन्होंने कहा, 'कार्डियोवस्क्यूलर सिस्टम ऑक्सीजन-युक्त रक्त को हृदय से धमनियों के जरिए शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाता है, वहीं शिराओं के जरिए ऑक्सीजन रहित रक्त को फिर हृदय तक लाता है. भारतीय महिलाओं में हृदय रोग खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है और इसके पीछे उनकी सुस्त जीवनशैली, तनाव, प्रदूषण और गर्भनिरोधक दवाओं व अन्य हारमोनल दवाइयों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.'
कार्डियोवस्क्यूलर बीमारियां होने का खतरा बढ़ा
एक सर्वे में कहा गया है कि भारत में रहने वाली करीब 50 प्रतिशत महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक है. यह उन्हें कार्डियोवस्क्यूलर बीमारियां (सीवीडी) होने का खतरा बढ़ाता है. 'द लैंसेट' में प्रकाशित 2000 से 2015 के बीच कोरोनरी हार्ट की बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक आयु-मानकीकृत मृत्यु दर (प्रति 1,00,000 व्यक्ति प्रति वर्ष) ग्रामीण पुरुषों में 40 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी जबकि शहरी पुरुषों में इसकी दर गिरी है. ग्रामीण भारतीय महिलाओं में यह बढ़ोतरी करीब 56 प्रतिशत रही है.
जीवनशैली में सुधार जरूरी
डॉ. नीरज ने कहा, 'महिलाएं आम तौर पर परेशानियों और दर्द की अनदेखी करती हैं. जटिलताओं पर देर से प्रतिक्रिया देती हैं. यह उनमें हृदय रोगों के बढ़ने की प्रमुख वजह है. हमें उन्हें जीवनशैली में सुधार और हृदय रोगों से बचने के तरीकों के बारे में जागरूक करना होगा. यह उन्हें हृदय रोगों से जूझने में मदद करेगा. महिलाओं को हृदय रोगों के लक्षणों और संकेतों के बारे में भी जागरूक करना होगा.
ऐसे रखे दिल का ख्याल
यदि हृदय रोग से बचना है तो जंक फूड से परहेज करना होगा, कोलेस्ट्रॉल स्तर को संतुलित रखना होगा, ब्लड प्रेशर को स्थिर रखना होगा, अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहना होगा, अच्छी नींद लेनी होगी और कसरत करनी होगी.'
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Source : IANS