विश्व स्वास्थ्य दिवस: मानसिक बीमारियों से बचने का दे रही है संदेश

आज दुनिया भर में लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। इस बार संयुक्त राष्ट्र ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 'डिप्रेशन' विषय पर फोकस किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डिप्रेशन पर एक साल का कैंपेन लीड कर रहा है।

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
विश्व स्वास्थ्य दिवस: मानसिक बीमारियों से बचने का दे रही है संदेश

'हेल्थ इज वेल्थ' अच्छी सेहत ही सबसे बड़ा धन है। आज दुनिया भर में लोगों को जागरुक करने के लिए  विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। इस बार संयुक्त राष्ट्र ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 'डिप्रेशन' विषय पर फोकस किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डिप्रेशन पर एक साल का कैंपेन लीड कर रहा है।

Advertisment

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2016 का थीम 'मधुमेह: रोकथाम बढ़ाना, देखभाल को मजबूत करना और निगरानी बढ़ाना' थी।

इस कैंपेन का उद्देश्य है कि दुनिया भर में जितने भी लोग डिप्रेशन का शिकार है उनकी सहायता करना। इस साल की थीम 'डिप्रेशन: lets  talk' है। 

डब्ल्यूएचओ  की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 30 करोड़ से अधिक लोग डिप्रेशन का शिकार है। पिछले एक दशक के दौरान डिप्रेशन की दर में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है।  स्वस्थ्य जीवन के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना बेहद जरूरी है। 

तनाव को खुद पर हावी न होने दे। तनाव सोचने समझने की क्षमता को ख़तम कर देता है और फितूर के ख्याल आपको घेर लेते है। अगर आप खुद से प्यार नहीं करेंगे तो आप इस समस्या से कभी बाहर निकल पाएंगे।

एड्स की बात करें तो मौजूदा समय में लैटिन अमेरिका में 17 लाख, पूर्वी यूरोप एवं मध्य एशिया में 15 लाख, खाड़ी देश व उत्तर अफ्रीका में 2.8 लाख, पूर्वी, मध्य यूरोप व उत्तरी अमेरिका में 24 लाख, एशिया व प्रशांत क्षेत्र में 50 लाख, कैरेबियाई देश में 2.4 लाख तथा उप-सहारा क्षेत्र में 2.58 करोड़ रोगी हैं।

दुनिया भर में 347 मिलियन लोग डायबिटीज का शिकार है। कैंसर से हर साल 70 लाख से भी ज्यादा लोग अपनी जान खो बैठते है। भारत में हर साल  3.5 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है। 

और पढ़ें: रिलायंस अस्पताल के प्रवक्ता का बयान, 'विनोद खन्ना है स्वस्थ्य, अफवाहों पर न दें ध्यान'

तंबाकू, शराब, सिगरेट भी जान लेने में पीछे नहीं है। इससे गंभीर रोग जैसे कैंसर, सांस संबंधी रोग आदि होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि तंबाकू के सेवन से हर साल 60 लाख लोगों की मौत होती है और तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। 

स्वीडिश नेशनल हेल्थ एंड वेल्फेयर बोर्ड और ब्लूमबर्ग फिलांथ्रोपिज की रिसर्च से भी साबित हो चुका है कि धूम्रपान से हर साल 6 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। मरने वालों में तकरीबन 2 लाख से ज्यादा बच्चे और युवा होते हैं।

यह तथ्य है कि हर साल हजारों लोगों की मौत शराब पीने और उससे होने वाली बीमारियों की वजह से होती है।

संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर रोग जैसे दिल के रोग, मधुमेह और कैंसर की वजह से आने वाले सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।

और पढ़ें: जानिए, क्यों तनाव है आपकी दिमागी सेहत के लिए खतरनाक?

यह तथ्य है कि हर साल हजारों लोगों की मौत शराब पीने और उससे होने वाली बीमारियों की वजह से होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि  कैंसर, डायबिटीज, दिल के रोग और सांस लेने में परेशानी संबंधी प्रमुख चार बीमारियां हैं। न फैलने वाले रोगों की वजह से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया  की एक तिहाई आबादी भी मुश्किल में है।

उसका कारण यह है कि इन  बीमारियों से निपटने के लिए अभी तक कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। अच्छी बात यह है कि इस ओर में पार्टनरशिप टू फाइट क्रॉनिक डिजीज (पीएसीडी) ने हाल ही में 'संकल्प दिशा स्वस्थ भारत' की नाम से एक राष्ट्रीय आउटलाइन तैयार की है।

और पढ़ें: आमिर खान की फिल्म 'दंगल' पाकिस्तान में नहीं होगी रिलीज, राष्ट्रगान हटाने पर अड़ा था सेंसर बोर्ड

इसका उद्देश्य देश में 2025 तक स्वस्थ भारत के संकल्प को हासिल करने में सहयोग देना है।  भारत में असंक्रामक रोगों से निपटने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है लिहाजा ऐसे में इस ब्लू प्रिंट से राज्यों को स्वास्थ्य संबंधी मामलों को प्राथमिकता देने में मदद मिलेगी।

अगर कोई ठोस नीति बनाई जाती है तो तो भारत में दिल के रोग, कैंसर, मधुमेह और मानसिक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या कम होगी। 

और पढ़ें: हिंदी-इंग्लिश की कुश्ती शुरू.. देखें इरफान खान की 'हिंदी मीडियम' का ट्रेलर

Source : News Nation Bureau

Depression cancer Heart World Health Organization United Nations diabetes America
      
Advertisment