World Alzheimer's Day 2020: नशे से दूरी और जागरूकता बचाएगी अल्जाइमर से

विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day 2020 ) 21 सितंबर को मनाया जाता है. यह बीमारी एक उम्र के बाद लोगों में होने लगती है, जिसमें लोग चीजों को याद नहीं रख पाते हैं.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
World Alzheimer s Day 2020

World Alzheimer s Day 2020 ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day 2020 ) 21 सितंबर को मनाया जाता है. यह बीमारी एक उम्र के बाद लोगों में होने लगती है, जिसमें लोग चीजों को याद नहीं रख पाते हैं. हेल्दी लाइफ स्टाइल और नशे से दूरी जैसे एहतियात बरतकर अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचा जा सकता है. उम्र बढ़ने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियां हमारे शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं. इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदतों (अल्जाइमर्स-डिमेंशिया) की है.

Advertisment

और पढ़ें: इस उम्र में तनाव से महिलाओं मेें अल्जाइमर का खतरा होता है सबसे ज्यादा

ऐसे बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है इसीलिए इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स-डिमेंशिया दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य जागरूकता लाना है ताकि घर-परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुगोर्ं को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियां लायी जा सके.

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. आदर्श त्रिपाठी का कहना है कि बुजुगोर्ं को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें. अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरंदाज न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें. ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें. निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें: आपकी खराब नींद के लिए आपकी जीवन शैली नहीं, ये हैं जिम्‍मेदार

अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है. वृद्घावस्था में मस्तिष्क के ऊ तकों को नुकसान पहुंचने के कारण ये बीमारी होती है. मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. ये एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है. इस बीमारी में व्यक्ति छोटी से छोटी बात को भी याद नहीं रख पाता है. जब यह बीमारी अत्यधिक बढ़ जाती है तो व्यक्ति को लोगों के चेहरे तक याद नहीं रहते हैं. अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मिला है.

डाक्टर ने बताया कि इस भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें. नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं. पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो यह बीमारी नहीं घेर सकती.

और पढ़ें: अल्जाइमर से जुड़ा है हर्पीस वायरस, ऐसे कम हो सकता है डिमेंशिया का खतरा

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली की तरफ से अभी हाल ही में जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में करीब 16 करोड़ बुजुर्ग (60 साल के ऊ पर) हैं . इनमें से 60 से 69 साल के करीब 8.8 करोड़, 70 से 79 साल के करीब 6.4 करोड़, दूसरों पर आश्रित 80 साल के करीब 2.8 करोड़ और 18 लाख बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनका अपना कोई घर नहीं है या कोई देखभाल करने वाला नहीं है.

इस उम्र में तनाव से महिलाओं मेें अल्जाइमर का खतरा होता है सबसे ज्यादा

Source : IANS

Worls Alzheimer Day एमपी-उपचुनाव-2020 हेल्थ न्यूज इन हिंदी अल्जाइमर अल्जाइमर डे Health News In Hindi World Alzheimer Day 2020 Alzheimer Disease
      
Advertisment