सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिला कर्मचारियों को मिलेगी मेटरनिटी लीव

कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय की टीचर की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। टीचर को सरोगेसी के जरिए जुड़वा बच्चे पैदा हुए, लेकिन उन्हें मेटरनिटी लीव देने से मना कर दिया गया।

कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय की टीचर की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। टीचर को सरोगेसी के जरिए जुड़वा बच्चे पैदा हुए, लेकिन उन्हें मेटरनिटी लीव देने से मना कर दिया गया।

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Sonam Kanojia
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अब सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को भी मेटरनिटी लीव मिलेगी। कार्मिक मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक इसके लिए मंजूरी दे दी गई है।  

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कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय की टीचर की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। टीचर को सरोगेसी के जरिए जुड़वा बच्चे पैदा हुए, लेकिन उन्हें मेटरनिटी लीव देने से मना कर दिया गया। उनसे कहा गया कि वह बच्चे को जन्म देने वाली मां नहीं बनी है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'एक महिला कर्मचारी, जो सरोगेसी के जरिए मां बनी है, वह मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन करने की हकदार होगी।'

महिला कर्मचारी 26 महीनों (लगभग 180 दिन) तक भुगतान पर मातृत्व का लाभ उठा सकती हैं। मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों को इस मुद्दे पर 2015 के उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में लिखा है।

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Source : News Nation Bureau

महिला कर्मचारी 26 महीनों (लगभग 180 दिन) तक भुगतान पर मातृत्व का लाभ उठा सकती हैं।
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