Women's Day 2019: हृदय रोग से हर साल 3 में से 1 महिला की मौत
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में हृदय रोग का पता देर से चल पाता है और हर साल दिल की बीमारियों से पीड़ित हर तीन में से एक महिला मरीज की मौत हो जाती है.
नई दिल्ली:
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में हृदय रोग का पता देर से चल पाता है और हर साल दिल की बीमारियों से पीड़ित हर तीन में से एक महिला मरीज की मौत हो जाती है. हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "हृदय रोग महिलाओं में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. महिलाओं में होने वाले सभी सात तरह के कैंसरों की तुलना में अधिक महिलाओं की मृत्यु हृदय रोग से हो जाती है. दुर्भाग्य से कैंसर की तुलना में हृदय रोग के बारे में जागरूकता का स्तर बहुत कम है इसलिए, महिलाओं का पुरुषों की तुलना में तेजी से न तो निदान होता है और न ही इलाज.'
उन्होंने कहा, 'कुछ हृदय रोग जोखिम कारक महिलाओं के लिए अद्वितीय हैं, जिनमें पोस्टमेनोपॉजल स्टेटस, हिस्टेरेक्टॉमी, गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग और गर्भावस्था तथा इसकी जटिलताएं शामिल हैं. महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों से भिन्न होते हैं. हालांकि दिल के दौरे का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी है. महिलाओं में जबड़े, गर्दन या पीठ (कंधे के ब्लेड के बीच), अकारण कमजोरी या थकान के साथ दर्द की संभावना अधिक होती है. उनमें सांस की तकलीफ जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. खांसी, चक्कर आना या मतली भी इसके कुछ लक्षण हैं. इसके परिणामस्वरूप अक्सर गलत निदान हो जाता है और उपचार में देरी होती है.'
ये भी पढ़ें: जानें कैसे स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर टाइप-2 डायबिटीज से पा सकते हैं छुटकारा
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं में हृदय की समस्या एक बदतर रोग है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगभग एक दशक बाद हृदय रोग विकसित होता है, लेकिन उनके परिणाम पुरुषों की तुलना में अक्सर खराब होते हैं.
नई दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब एंड एरिदमिया सर्विसेस की डायरेक्टर एवं हेड डॉ. वनिता अरोड़ा ने कहा, 'महिलाएं दिल की समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श नहीं करतीं. इनमें टैकीकॉर्डिया का इलाज भी नहीं किया जाता है और आमतौर पर यह चिंता का कारण बन जाता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महिलाओं में हृदय के इलेक्ट्रिकल डिस्ऑर्डर होना अत्यधिक सामान्य बात है. उनमें अक्सर दिल धड़कने की दर में वृद्धि हो जाती है, जिसे पैल्पिटेशन कहते हैं। 130 या 140 से अधिक की हृदय गति खतरनाक मानी जाती है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.'
डॉ. अग्रवाल ने महिलाओं के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, 'सप्ताह के अधिकांश दिनों में वजन प्रबंधन के लिए कम से कम 30 मिनट और 60 से 90 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि मंे हिस्सा लें. सिगरेट पीने और निष्क्रिय धूम्रपान से बचाव किया जाना चाहिए। कमर का साइज 30 इंच से कम रखें। दिल के अनुकूल आहार लें। आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें.'
और पढ़ें: अगर आपको थायराइड से है दिक्कत तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
उन्होंने कहा, '65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में डॉक्टर के परामर्श से प्रतिदिन एस्पिरिन लेने पर विचार किया जा सकता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों से बचना चाहिए. अगर डिप्रेशन के लक्षण दिखें तो इलाज करवाएं.'
उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर 75 से 150 मिलीग्राम एस्पिरिन लें. उच्च रक्तचाप को नियंत्रण करें। एंटीऑक्सिडेंट विटामिन सप्लीमेंट का इस रोग में कोई फायदा नहीं है। फोलिक एसिड सपोर्ट का भी कोई उपयोग नहीं है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी न लें.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Alia Bhatt Daughter: मां आलिया से बढ़कर राहा से प्यार करती हैं शाहीन भट्ट, मासी की गोद में आईं नजर
-
Viral Videos: आलिया-रणबीर से लेकर ऋतिक-सबा तक, स्टार स्टडेड डिनर में शामिल हुए ये सितारे
-
Bipasha Basu-Karan Singh Grover: शादी के 8 साल बाद भी एक-दूजे को बेहद चाहते हैं बिपाशा और करण, इंस्टा पर दिया प्यार का सबूत
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा