logo-image

Mother Feeding Child: 6 माह तक बच्चे को मां का दूध ही क्यों पिलाना चाहिए?

Mother Feeding Child: स्तनपान तब होता है जब आप अपने बच्चे को स्तन का दूध पिलाती हैं, आमतौर पर सीधे अपने स्तन से. ब्रेस्टफीडिंग से जहां बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ती है, वहीं, मां में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है.

Updated on: 13 Mar 2024, 05:48 PM

नई दिल्ली :

Mother Feeding Child: बच्चे को 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए क्योंकि यह बच्चे के लिए सबसे अच्छा भोजन है. मां के दूध में बच्चे के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं. बच्चे को 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. मां का दूध बच्चे के लिए पूरी तरह से पोषणपूर्ण होता है और इसमें उनके विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है. मां का दूध बच्चे को बीमारियों से बचाने की क्षमता प्रदान करता है और उसे इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा, मां का दूध बच्चे के दाँतों और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास को भी बढ़ावा देता है. 6 महीने के बाद, जब बच्चा अन्य आहार को पचाने और संग्रह करने की क्षमता विकसित कर लेता है, तब पानी, दूध और अन्य आहारों को शुरू किया जा सकता है. लेकिन 6 महीने तक मां का दूध बच्चे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

मां के दूध के फायदे:

पोषण: मां के दूध में बच्चे के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे कि प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज.

रोग प्रतिरोधक क्षमता: मां के दूध में एंटीबॉडी और अन्य रोगाणुरोधी पदार्थ होते हैं जो बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं.

पाचन क्रिया: मां का दूध बच्चे के पाचन तंत्र के लिए आसानी से पचने योग्य होता है.

अन्य स्वास्थ्य लाभ: मां के दूध से बच्चे में मोटापे, मधुमेह, एलर्जी और अस्थमा का खतरा कम होता है.

6 माह तक बच्चे को केवल मां का दूध ही पिलाना फायदेमंद होता है. मां का दूध पीने वाले बच्चों में अधिक वजन होने का खतरा कम होता है. मां का दूध पीने वाले बच्चों में मधुमेह होने का खतरा कम होता है. एलर्जी का खतरा कम होता है. मां का दूध पीने वाले बच्चों में एलर्जी होने का खतरा कम होता है. अस्थमा का खतरा कम हो जाता है. मां का दूध पीने वाले बच्चों में अस्थमा होने का खतरा कम होता है. संक्रमण से बचाव होता है. मां का दूध पीने वाले बच्चों में संक्रमण होने का खतरा कम होता है. बच्चे और मां के बीच बंधन मजबूत होता है. मां का दूध पिलाने से बच्चे और मां के बीच बंधन मजबूत होता है.  6 महीने तक बच्चे को केवल मां का दूध ही पिलाना महत्वपूर्ण है. आप किसी कारण से बच्चे को मां का दूध नहीं पिला पा रही हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : Parenting Tips: नवजात शिशु की कब्ज की समस्या को दूर करने के घरेलू नुस्खे