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आप किस वैरिएंट ओमिक्रॉन या डेल्‍टा से संक्रमित हैं? इन तीन लक्षणों से लगाएं पता

देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. दुनियाभर में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहे है. भारत में भी अधिकतर मरीजों के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है.

Updated on: 14 Jan 2022, 06:06 PM

नई दिल्ली:

देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. दुनियाभर में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहे है. भारत में भी अधिकतर मरीजों के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. ओमिक्रॉन से संक्रिमत मरीजों के सैंपलों की बिना जीनोम सीक्‍वेंसिंग के इस बारे में कुछ भी कहना सही नहीं है. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में जीनोम सीक्‍वेंसिंग की सुविधा कम होने के चलते काफी कम संख्‍या में लोगों के वैरिएंट की जांच हो पा रही है. बाकी मरीजों में नए वैरिएंट का सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है. अगर इन बातों पर ध्यान दीजिए तो देश में कोरोना पॉजिटिव लोग ये भी अनुमान लगा सकते हैं कि वे कौन से वैरिएंट से संक्रमित हैं और यहां अधिकतर लोगों को कौन-सा वैरिएंट प्रभावित कर रहा है.

स्वास्थ्य एक्सपर्ट और डॉक्टरों का कहना है कि आरटीपीसीआर टेस्ट में यह पता नहीं चलता है कि कोरोना मरीज किस वैरिएंट से संक्रमित है. उसे ओमिक्रॉन है या डेल्‍टा है या अन्‍य किसी वैरिएंट ने संक्रमित किया है, इसका जीनोम सीक्‍वेंसिंग में ही पता चलता है.
 
जीनोम सीक्‍वेंसिंग के आंकड़ों से लगाएं वैरिएंट का पता 

डॉक्टर के अनुसार, भारत में भले कम संख्‍या में ही सैंपलों की जीनोम सीक्‍वेंसिंग की जा रही है, लेकिन जितने भी मामले जीनोम सीक्‍वेंसिंग के लिए जा रहे हैं उनमें से करीब 80 प्रतिशत केसों में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि हो रही है. चूंकि, ये सैंपल सीक्‍वेंसिंग के लिए रेंडम लिए जाते हैं. यानी जहां भी कोरोना के अचानक से अधिक मामले एक साथ सामने आते हैं, वहां से कुछ सैंपलों को ओमिक्रॉन वैरिएंट की जांच के लिए लिया जाता है. इस हिसाब से यह नहीं कहा जा सकता कि भारत में अधिक मरीज ओमिक्रॉन के हैं, लेकिन आंकड़ों के आधार पर सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है.

कोविड केसों में हो रही बढ़ोतरी से वैरिएंट का अनुमान

डॉक्टर के मुताबिक, दूसरी बात जो मरीजों में ओमिक्रॉन की पुष्टि करती है वह है इस वैरिएंट की संक्रमण दर. पहले रिपोर्टेड वैरिएंट के मुकाबले देखा गया है कि ओमिक्रॉन इनसे करीब 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है. यह एयरबोर्न है और अधिक लोगों को संक्रमित करता है. अगर पिछले आंकड़ों पर ध्यान दें तो पता चलेगा कि डेल्‍टा वैरिएंट के दौरान एक सप्ताह में कोविड के मरीजों की संख्‍या में इतना इजाफा नहीं देखा गया था, जितना कि इस बार देखा जा रहा है. सिर्फ एक सप्ताह में ही कोविड मामले दोगुने-तीन गुने नहीं बल्कि कई गुने वृद्धि देखे जा रहे हैं. अर्थात इस आधार पर भी कहा जा सकता है कि देश में इस बार प्रमुखता से ओमिक्रॉन वैरिएंट ही संक्रमण फैला रहा है.

बीमारी के लक्षण भी हल्‍के हैं

डॉक्टर के अनुसार, अप्रैल से जून 2021 के मुकाबले इस बार कोविड होने पर हल्‍के लक्षण सामने आ रहे हैं. इसमें एक या दो दिन बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी, बदन दर्द या सिरदर्द आदि देखे जा रहे हैं. कई केसों में मरीजों को कोई लक्षण भी नहीं हैं. इस बार गंभीर मरीजों की संख्‍या काफी कम है.