IVF and Test Tube Baby: आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी में क्या है अंतर, किन बातों का रखें ध्यान
IVF and Test Tube Baby: आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) और टेस्ट ट्यूब बेबी शब्द अक्सर एक दूसरे के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनमें थोड़ा अंतर होता है.IVF और टेस्ट ट्यूब बेबी में अंतर है. IVF का पूरा नाम 'इन विट्रो फर्टिलाइजेशन' है,
नई दिल्ली :
IVF and Test Tube Baby: आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) और टेस्ट ट्यूब बेबी शब्द अक्सर एक दूसरे के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनमें थोड़ा अंतर होता है.IVF और टेस्ट ट्यूब बेबी में अंतर है. IVF का पूरा नाम 'इन विट्रो फर्टिलाइजेशन' है, जबकि टेस्ट ट्यूब बेबी एक प्रकार की IVF प्रक्रिया है. IVF में, गर्भवाहित करने के लिए अंडा और शुक्राणु को पेट्री डिश में मिलाकर प्राकृतिक रूप से गर्भाशय में प्रत्यक्ष डाला जाता है. जबकि टेस्ट ट्यूब बेबी में, अंडा और शुक्राणु को पेट्री डिश में मिलाकर गर्भवाहित करने के लिए टेस्ट ट्यूब में जोड़ा जाता है. इस तरह, टेस्ट ट्यूब बेबी IVF की एक विशेष प्रकार का होता है. IVF और टेस्ट ट्यूब, दोनों ही प्रकार के प्रयास हैं जो गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. किसी भी विशेष प्रक्रिया को "बेहतर" कहना अनुकूल नहीं होता है, क्योंकि प्रत्येक जोड़े की स्थिति और चिकित्सा इतिहास अलग होता है.
आईवीएफ:
यह एक प्रजनन तकनीक है जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है.
निषेचित अंडे, जिन्हें भ्रूण कहा जाता है, को कुछ दिनों के लिए प्रयोगशाला में विकसित किया जाता है.
फिर, सबसे अच्छे भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है.
टेस्ट ट्यूब बेबी:
यह आईवीएफ प्रक्रिया का परिणाम है.
जब भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है और गर्भावस्था में विकसित होता है, तो बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है.
आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी के बीच मुख्य अंतर यह है कि:
आईवीएफ एक प्रजनन तकनीक है, जबकि टेस्ट ट्यूब बेबी उस तकनीक का परिणाम है.
आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
डॉक्टर का चयन: एक अनुभवी और योग्य डॉक्टर का चयन करना महत्वपूर्ण है.
परीक्षण: आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले, कुछ आवश्यक परीक्षण किए जाते हैं.
दवाएं: महिला को अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं.
अंडाशय से अंडे निकालना: अंडाशय से अंडे निकालने की प्रक्रिया को अंडाशय पिक-अप कहा जाता है.
निषेचन: अंडे और शुक्राणु को प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है.
भ्रूण स्थानांतरण: निषेचित अंडे (भ्रूण) को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है.
गर्भावस्था: भ्रूण के गर्भाशय में प्रत्यारोपण के बाद, गर्भावस्था की निगरानी की जाती है.
आईवीएफ प्रक्रिया के सफल होने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि:
महिला की उम्र
महिला का स्वास्थ्य
पुरुष का स्वास्थ्य
आईवीएफ प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले प्रोटोकॉल
प्रयोगशाला की गुणवत्ता
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