Skin psoriasis: सोरायसिस एक चर्म रोग है जो त्वचा को प्रभावित करता है. इस रोग में, त्वचा पर लाल, भूरा या छाले की तरह कुछ भीड़बड़ होती है जिसमें खुजली और जलन की समस्या होती है. यह रोग कई प्रकार का हो सकता है और इसकी स्थिति व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकती है. सोरायसिस के कारण और लक्षणों में सामान्य रूप से यह रोग त्वचा की रूखाई, त्वचा की लालिमा, और रक्त बहाव के कारण होता है. इसमें निम्नलिखित क्षेत्रों में अक्सर प्रभावित होता है: माथे, कोहनी, घुटने, पैरों की ऊतकों, और पेट के पास की ऊतकों में. इस रोग का निदान और उपचार एक डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए. सोरायसिस एक पुरानी त्वचा रोग है जो त्वचा कोशिकाओं के तेजी से निर्माण का कारण बनता है. ये अतिरिक्त कोशिकाएं त्वचा पर लाल, खुजलीदार और पपड़ीदार धब्बे बना सकती हैं. सोरायसिस शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह आमतौर पर कोहनी, घुटनों, खोपड़ी और पीठ पर होता है.
सोरायसिस के सटीक कारण का पता नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली और आनुवंशिकी के संयोजन के कारण होता है. सोरायसिस संक्रामक नहीं है.
सोरायसिस के कई अलग-अलग प्रकार हैं, और प्रत्येक प्रकार का इलाज अलग तरह से किया जाता है. सोरायसिस के उपचार में शामिल हैं:
टॉपिकल उपचार: ये क्रीम, मलहम और लोशन हैं जो त्वचा पर लगाए जाते हैं.
लाइट थेरेपी: यह एक प्रकार का उपचार है जो त्वचा पर प्रकाश का उपयोग करता है.
सिस्टमिक दवाएं: ये दवाएं मुंह से या इंजेक्शन के माध्यम से ली जाती हैं.
जैविक दवाएं: ये दवाएं इंजेक्शन या अंतःशिरा (IV) के माध्यम से दी जाती हैं.
सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और भड़कने से रोकने में मदद कर सकता है. अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार अपनी दवाएं लें. अपनी त्वचा को नम रखें. तनाव से बचें. धूम्रपान न करें. स्वस्थ आहार लें. नियमित रूप से व्यायाम करें. अगर आपको सोरायसिस है, तो अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाना महत्वपूर्ण है. वे आपके लक्षणों की निगरानी कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको सही उपचार मिल रहा है.
यह भी पढ़ें : Side Effects of Papaya: इन 5 लोगों को पपीता हाथ भी नहीं लगाना चाहिए, सेवन से हो सकता है नुकसान
Source : News Nation Bureau