PDD क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
PDD विकार जन्म से ही होता है और विकास के दौरान शुरुआती आयु में पहचाना जा सकता है. इसका इलाज विशेषज्ञ चिकित्सा द्वारा किया जाता है
नई दिल्ली :
PDD का मतलब है "परणीत विकास विकार" (Pervasive Developmental Disorder). यह एक समूह का विकार है जिसमें संवाद, सामाजिक अनुवाद और व्यक्तिगत अनुभव में कमी होती है. इस विकार से पीड़ित व्यक्ति की सामाजिक, प्रासंगिक और व्यक्तिगत क्षमताओं में विकास में दिक्कतें होती हैं. PDD विकार जन्म से ही होता है और विकास के दौरान शुरुआती आयु में पहचाना जा सकता है. इसका इलाज विशेषज्ञ चिकित्सा द्वारा किया जाता है और सामाजिक, संवाद और व्यक्तिगत क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न थेरेपी तकनीकों का उपयोग किया जाता है. पीडीडी (Pervasive Developmental Disorders) विकासात्मक विकारों का एक समूह था जो सामाजिक और संचार कौशल, भाषा, और व्यवहार को प्रभावित करते थे. इसे दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया था:
आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार (ASD): इसमें ऑटिज्म, Asperger syndrome, और PDD-NOS शामिल थे.
व्यापक विकासात्मक विकार नहीं अन्यथा निर्दिष्ट (PDD-NOS): यह बच्चों के लिए एक श्रेणी थी जो ऑटिज्म या Asperger syndrome के सभी मानदंडों को पूरा नहीं करते थे, लेकिन सामाजिक और संचार कौशल, भाषा, या व्यवहार में महत्वपूर्ण समस्याएं थीं.
2013 में, DSM-5 (Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders) के प्रकाशन के साथ, PDD को ASD के एक उपप्रकार के रूप में वर्गीकृत किया गया था.
PDD के कारण: PDD का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण होता है.
आनुवंशिक कारक: PDD के लिए कई जीन जिम्मेदार हो सकते हैं. यदि किसी परिवार में PDD का इतिहास है, तो बच्चे को PDD होने का खतरा बढ़ जाता है.
पर्यावरणीय कारक: कुछ पर्यावरणीय कारक, जैसे कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण या जन्म के समय चोट, PDD के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.
PDD के लक्षण: PDD के लक्षण बच्चे की उम्र और PDD के प्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं.
ASD के कुछ सामान्य लक्षण:
- सामाजिक संपर्क और बातचीत में कठिनाई
- गैर-मौखिक संचार में कठिनाई
- दोहराव वाला व्यवहार
- प्रतिबंधित रुचियां
- भाषा और संचार में देरी
- अजीबोगरीब व्यवहार
PDD का इलाज: PDD का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार लक्षणों को कम करने और बच्चे को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने में मदद कर सकता है.
व्यवहार थेरेपी: यह थेरेपी बच्चे को सामाजिक और संचार कौशल विकसित करने, व्यवहार को नियंत्रित करने और भाषा और सीखने में सुधार करने में मदद कर सकती है.
दवा: कुछ दवाओं का उपयोग चिंता, अवसाद, और आक्रामकता जैसे लक्षणों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है.
शिक्षा: PDD वाले बच्चों को उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा की आवश्यकता होती है.
अन्य उपचार: PDD वाले बच्चों को भाषण थेरेपी, व्यावसायिक थेरेपी, और भौतिक चिकित्सा जैसे अन्य उपचारों से भी लाभ हो सकता है.
PDD वाले बच्चों को जीवन भर समर्थन और देखभाल की आवश्यकता होती है. उनके परिवारों को भी समर्थन और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है.
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को PDD हो सकता है, तो डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है. जल्दी निदान और उपचार बच्चे के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है.
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