Microplastic Effects: माइक्रोप्लास्टिक 5 मिलीमीटर से भी छोटे प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं. ये प्लास्टिक के बड़े टुकड़ों के टूटने से बनते हैं, जो पर्यावरण में फैल जाते हैं. माइक्रोप्लास्टिक हवा, पानी और मिट्टी में पाए जा सकते हैं. माइक्रोप्लास्ट एक प्रकार का छोटे आकार का जीवाणु है जो बैक्टीरिया के समूह में आता है. यह जीवाणु लगभग 0.1 से 1 माइक्रोमीटर तक का होता है, जिससे यह बैक्टीरिया से कई गुना छोटा होता है. माइक्रोप्लास्ट विभिन्न प्रकार की रोगों के कारण और प्रकोपक के रूप में प्रभावी होते हैं, जैसे कि गले के संक्रमण, प्रणाली के संक्रमण, बाल रोग, और फैजियल पेल्विस रोग. इन जीवाणुओं को देखभाल, उनका पता लगाना और उपचार करने के लिए विशेषज्ञीय परीक्षण आवश्यक होता है. माइक्रोप्लास्टिक के प्रभाव के कारण शख्स की कम उम्र में भी मौत हो सकती है.
माइक्रोप्लास्टिक शरीर के लिए कैसे नुकसानदायक है? माइक्रोप्लास्टिक शरीर के लिए कई तरह से नुकसानदायक हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
पाचन तंत्र को नुकसान: माइक्रोप्लास्टिक पाचन तंत्र में प्रवेश कर सकता है और आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है. यह पेट दर्द, सूजन और दस्त का कारण बन सकता है.
श्वसन तंत्र को नुकसान: माइक्रोप्लास्टिक फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. यह खांसी, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा का कारण बन सकता है.
प्रजनन तंत्र को नुकसान: माइक्रोप्लास्टिक प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. यह बांझपन और गर्भपात का कारण बन सकता है.
कैंसर का खतरा: माइक्रोप्लास्टिक कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. यह डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है और कोशिकाओं को उत्परिवर्तित कर सकता है.
माइक्रोप्लास्टिक से बचाव कैसे करें? माइक्रोप्लास्टिक से बचाव के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
प्लास्टिक का उपयोग कम करें: प्लास्टिक का उपयोग कम करने से माइक्रोप्लास्टिक के उत्पादन को कम करने में मदद मिलेगी.
पुन: प्रयोज्य प्लास्टिक का उपयोग करें: पुन: प्रयोज्य प्लास्टिक का उपयोग करने से प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद मिलेगी.
प्लास्टिक को रीसायकल करें: प्लास्टिक को रीसायकल करने से प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद मिलेगी.
माइक्रोप्लास्टिक युक्त उत्पादों से बचें: कुछ उत्पादों में माइक्रोप्लास्टिक होते हैं, जैसे कि टूथपेस्ट, फेस स्क्रब और बॉडी स्क्रब. इन उत्पादों से बचने से माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आने से बचने में मदद मिलेगी.
Source : News Nation Bureau