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क्या है डिमेंशिया, जिसका 'The Kashmir Files' में हुआ है ज़िक्र, जानें लक्षण और बचाव

इस फिल्म के हर एक किरदार की काबिलेतारीफ है. इस फिल्म में हर कैरेक्टर ने बखूबी अपने रोल को निभाया है. अनुपम खेर ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित (रिटायर टीचर) का रोल निभाया है, जो श्रीनगर में अपने बेटे-बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं.

Updated on: 14 Mar 2022, 05:40 PM

highlights

  • 'द कश्मीर फाइल्स' को रिलीज हुए पूरे तीन दिन हो चुके हैं
  • यह खुद एक बीमारी नहीं है
  • दुनिया में काफी सारे लोगों को शिकायत है

New Delhi:

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को रिलीज हुए पूरे तीन दिन हो चुके हैं.  ‘द कश्मीर फाइल्स’ में 1990 में कश्मीरी पंडितों पर ढाए गए जुल्मों के बारें में बताया गया है. इस फिल्म के हर एक किरदार की काबिलेतारीफ है. इस फिल्म में हर कैरेक्टर ने बखूबी अपने रोल को निभाया है. अनुपम खेर( Anupam Kher) ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित (रिटायर टीचर) का रोल निभाया है, जो श्रीनगर में अपने बेटे-बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं. उनका पोता कृष्णा (दर्शन कुमार) मूवी के आखिरी में बताता है कि उनके दादा यानी पुष्कर नाथ पंडित को डिमेंशिया नाम की बीमरी है. आइये जानते हैं क्या है डिमेंशिया बीमारी. 

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डिमेंशिया क्या है? (What Is Dementia)

डिमेंशिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसकी दुनिया में काफी सारे लोगों को शिकायत है. डिमेंशिया इंसान की दिमागी हालात पर काफी हद तक असर डालता है. कुछ लोग डिमेंशिया को पागलपन कहते हैं, तो कुछ लोग दिमाग खराब होना. लेकिन ऐसा नहीं है. डिमेंशिया इन सबसे अलग मेंटल डिसऑर्डर है. यह खुद एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कुछ मेंटल डिसऑर्डर जैसे पार्किंसंस, अल्जाइमर, डिप्रेशन, स्ट्रेस, टेंशन आदि के बाद की स्थिति होती है. सरल भाषा में कहे तो इस बीअमरि में इंसान के सोचने समझने की पावर कम हो जाती है. 

डिमेंशिया उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जो पूरे मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और शरीर के कई जरूरी हिस्सों के लिए काम करती हैं. डिमेंशिया के कारण इंसान के दिमाग और शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिमेंशिया की संभावना भी बढ़ती जाती है.

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डिमेंशिया के लक्षण (Symptoms Of Dementia)

डिमेंशिया एक मानसिक रोग है. जानकारों के मुताबिक 65 साल से अधिक उम्र के 10 में एक शख्स को डिमेंशिया की शिकायत हो सकती है. अगर कम उम्र में डिमेंशिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह अल्जाइमर की शुरुआत हो सकती है. डिमेंशिया के लक्षण होते हैं-

एक ही बात को दोहराते रहना
किसी बात को न समझना
याददाश्त कमजोर होना
बात करने में लड़खड़ाना
पुरानी बातों को याद करना
पुराने किस्सों को बार-बार याद करते रहना
किसी बात का याद न रहना
सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाना
हर समय कुछ न कुछ बोलते रहना
किसी के न होने पर अपने आप से बात करना

डिमेंशिया का इलाज (Treatment For Dementia)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिमेंशिया का अभी तक सही इलाज सामने नहीं आया है. लेकिन कुछ डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट्स इसका इलाज अपने नॉलेज और ज्ञान के आधार पर कर सकते हैं. कोई भी सिंगल टेस्ट डिमेंशिया को आइडेंटिफाई नहीं कर सकता. इसके लिए डॉक्टर द्वारा अलग-अलग तरीके के टेस्ट किए जा सकते हैं. डिमेंशिया कुछ दिमागी विकारों की अगली स्टेज होता है. अगर उन दिमागी बीमारी जैसे अल्जाइमर, डिप्रेश, स्ट्रेस आदि पर पहले से ही ध्यान दिया जाए और डॉक्टर से सलाह ली जाए तो डिमेंशिया के चांस कम हो सकते हैं. लेकिन किसी भी तरह की दिमागी समस्या या किसी भी इंसान में आप ऐसी हरकत देखें तो उसे डॉक्टर के पास ले जाए या एक्सपर्ट्स से सलाह लें.