What is Bronchiolitis: ब्रोंकियोलाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो बच्चों के छोटे वायुमार्गों को प्रभावित करता है. यह वायरस सामान्यतः सर्दियों और मौसम बदलाव के समय प्रभावित होता है, और इसके कारण बच्चों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी, सांसों का तेज चलना, और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. ब्रोंकियोलाइटिस का मुख्य कारण वायरल संक्रमण होता है, जो सामान्यतः रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) और इन्फ्ल्यूएंजा वायरस के कारण होता है. इन वायरसों के संपर्क में आने पर, वे शिशुओं के छोटे वायुमार्गों में संक्रमण का कारण बनते हैं, जिससे उनमें संधिगतता और अधिक फ्लूइड उत्पन्न होता है. यह संक्रमण खांसी, थकावट, और सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है. एक आंकड़े के अनुसार ब्रोंकियोलाइटिस के कारण दुनियाभर में हर साल करीब 32 करोड़ बच्चे अस्पताल में होते है, इनमे 59 लाख मौतों का अनुमान लगाया गया है.
ब्रोंकियोलाइटिस के कारण
धूल और प्रदूषण: धूल, धुएं, और प्रदूषण का संपर्क भी इस संक्रमण का कारण बन सकता है.
संक्रमण से संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: ब्रोंकियोलाइटिस के लिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर यह संक्रमण हो सकता है.
प्रतिरोधक फाइबर की कमजोरी: कुछ मामलों में, शिशुओं के प्रतिरोधक फाइबर की कमजोरी भी इस संक्रमण के लिए एक कारक हो सकती है.
धुम्रपान: यह ब्रोंकियोलाइटिस का एक अन्य कारण हो सकता है, क्योंकि धुम्रपान बच्चों के फेफड़ों को विकारित कर सकता है और संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है.
ब्रोंकियोलाइटिस के लक्षण
खांसी: ब्रोंकियोलाइटिस के मुख्य लक्षण में से एक है खांसी, जो अक्सर भारी और सूखी होती है.
सांस लेने में कठिनाई: शिशुओं को सांस लेने में कठिनाई होती है और वे अधिक दिन के समय तक सांस नहीं ले पाते हैं.
थकावट और कमजोरी: ब्रोंकियोलाइटिस के संक्रमण में, शिशु अधिक थक जाते हैं और उनका दिनचर्या प्रभावित होता है.
बुखार: इस संक्रमण के साथ, बच्चों को अक्सर बुखार होता है, जो इसके वायरल कारण का परिणाम होता है.
नाक बहना: इस संक्रमण के कारण बच्चों की नाक से पानी बह सकता है, जिससे उन्हें नाक से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.
खाँसी का थूक अधिक बनना: बच्चों के खाँसी का थूक भी अधिक बन सकता है, जो इस संक्रमण के एक अहम पहचान है.
यदि बच्चों में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा परीक्षण के लिए डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए.
ब्रोंकियोलाइटिस के इलाज
ब्रोंकियोलाइटिस के इलाज में विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जो लक्षणों को कम करने और संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं.
दवाइयाँ: डॉक्टर द्वारा सलाह दी जाने वाली दवाइयाँ खासकर विषाणु और अंतिवायरल दवाइयाँ होती हैं, जो संक्रमण को ठीक करने में मदद करती हैं.
अनुशासन: ब्रोंकियोलाइटिस के इलाज में उपचार के साथ-साथ, अनुशासनिक नियमित ध्यान रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इसमें पर्याप्त आराम लेना, पर्याप्त पानी पीना, और स्वस्थ खानपान का ध्यान रखना शामिल होता है.
नेबलाइजर: कुछ मामलों में, डॉक्टर नेबलाइजर का प्रयोग कर सांसों को सुधारने में मदद कर सकते हैं.
आयुर्वेदिक उपचार: कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो संक्रमण के इलाज में मदद कर सकती हैं.
इन उपायों के साथ, शिशु को अधिक से अधिक आराम और सही दवाइयों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें जल्दी से स्वस्थ होने में मदद मिल सके.
Source : News Nation Bureau