यह पौधा, जिसे "कालमेघ" या "कड़वे लोगों का राजा" के नाम से जाना जाता है, का उपयोग भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में बुखार, सामान्य सर्दी, दस्त और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के इलाज और एंटीडोट के रूप में किया जाता है. साँप और कीड़ों का जहर. पौधे का औषधीय महत्व मुख्य रूप से एंड्रोग्राफोलाइड की उपस्थिति के कारण होता है, जिसमें एंटीडायबिटिक, जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं. वनस्पति विज्ञान में स्नातकोत्तर अध्ययन और अनुसंधान विभाग की एक शोधकर्ता लक्ष्मी प्रिया और एसडी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और वनस्पति विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर पीआर उन्नीकृष्ण पिल्लई द्वारा किया गया अध्ययन, सहकर्मी-समीक्षा पत्रिका साउथ अफ्रीकन जर्नल में प्रकाशित हुआ है. वनस्पति विज्ञान, नीदरलैंड स्थित एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित.
कालमेघ खाने के फायदे:
पाचन क्रिया में सुधार: कालमेघ पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह भूख बढ़ाता है और अपच, कब्ज, गैस और पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत देता है.
ज्वरनाशक: कालमेघ में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं. यह मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के बुखार में भी प्रभावी होता है.
यकृत स्वास्थ्य: कालमेघ यकृत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह यकृत को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है और पीलिया, हेपेटाइटिस और यकृत की सूजन जैसी बीमारियों से बचाता है.
त्वचा रोग: कालमेघ त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है. यह मुँहासे, दाग-धब्बे, खुजली और एलर्जी जैसी त्वचा की समस्याओं से राहत देता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता: कालमेघ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. यह शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है.
अन्य लाभ: कालमेघ मधुमेह, गठिया, सूजन, और दर्द से राहत देने में भी मददगार होता है.
कालमेघ खाने के नुकसान:
गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कालमेघ का सेवन नहीं करना चाहिए.
एलर्जी: यदि आपको किसी जड़ी-बूटी या दवा से एलर्जी है, तो कालमेघ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
अन्य दवाएं: यदि आप कोई अन्य दवाएं ले रहे हैं, तो कालमेघ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
कालमेघ का सेवन कैसे करें:
कालमेघ को चाय, पाउडर, कैप्सूल या टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है.
कालमेघ की चाय बनाने के लिए, एक कप पानी में एक चम्मच कालमेघ पाउडर डालकर उबालें.
कालमेघ पाउडर को शहद या दूध के साथ भी लिया जा सकता है.
कालमेघ की मात्रा और अवधि डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेनी चाहिए.
ध्यान दें: कालमेघ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है.
Source : News Nation Bureau