ज्यादा आरामदायक और प्रीमियम लुक्स के कारण आजकल के घरों में वेस्टर्न टॉयलेट का चलन बढ़ गया है. आजकल के घरों में इस तरह के ज्यादातर टॉयलेट पाए जाते हैं. इसके अतिरिक्त वे लोग, जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं, जिन्हें बार-बार उठने-बैठने में परेशानी होती है, उनके लिए भी इस तरह के टॉयलेट काफी फायदेमंद होते हैं. मगर इस तरह के वेस्टर्न टॉयलेट्स से नुकसान भी कई सारे हैं, इस तरह के टॉयलेट्स से हमें हेल्थ से जुड़ी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं... तो क्या है ये परेशानियां आइये जानते हैं...
पहले जानें... डॉक्टर्स की राय
डॉक्टर्स के अनुसार इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल ज्यादा लाभकारी होता है. अगर हमें जोड़ो से जुड़ी किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हैं, तो हमें बनती कोशिश इंडियन टॉयलेट का उपयोग ही करना चाहिए. डॉक्टर्स के मुताबिक इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते वक्त हमारी शरीर स्क्वाड पोजीशन में रहता है, जो न सिर्फ हमारे शरीर के लिए, बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद है. इंडियन टॉयलेट के इस्तेमाल से हमारे पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और पेट अच्छे से साफ होता है. साथ ही डॉक्टर्स का कहना है कि इंडियन टॉयलेट के उपयोग से हमें इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है.
वेस्टर्न टॉयलेट के 2 बड़े नुकसान
- वेस्टर्न टॉयलेट की सीट सीधे शरीर को छूती है, जिससे संक्रमण का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है. इस तरह के टॉयलेट कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, जिससे सफाई में परेशानी होती है और इंटिमेट एरिया में बहुत जल्दी इंफेक्शन होने की संभावना रहती है. इसी कारण डॉक्टर्स अक्सर वेस्टर्न स्टाइल की सीट पर बैठने से पहले टॉयलेट पेपर या टिशू बिछाकर कर बैठने की सलाह दी जाती है.
- वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल से ई कोली इनफेक्शन, प्रोट्यूस जैसी समस्या हो सकती है. वहीं इससे यूटीआई का खतरा भी बढ़ता है. पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से यूरिन इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है
Source : News Nation Bureau