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रूस और यूक्रेन में भीषण युद्ध के बीच जानिए क्यों धड़ल्ले से बिक रही है ये दवा?

रूस और यूक्रेन की लड़ाई से हर कोई सहमा है. हर कोई युद्ध थमने का इंतज़ार कर रहा है. यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों पर हमला होने या फिर वहां किसी हादसे की वजह से रेडियोएक्टिव एक्टिविटीज होने का खतरा भी दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है.

Updated on: 16 Mar 2022, 08:04 AM

highlights

  • रूस और यूक्रेन की लड़ाई से हर कोई सहमा है
  • दवा की भी मांग में एक चौकाने वाली बात सामने आई है
  • पोटैशियम आयोडीन दवाओं की मांग सौ गुना बढ़ी है

New Delhi:

रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के लंबे खिचने का असर कई जगह देखा जा सकता है. जैसे जैसे यह युद्ध खिच रहा है वैसे ही तीसरे विश्व युद्ध के होने के साथ परमाणु हमले (Nuclear Attack) का अनुमान लगाया जा रहा है. रूस और यूक्रेन की लड़ाई से हर कोई सहमा है. हर कोई युद्ध थमने का इंतज़ार कर रहा है. यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों पर हमला होने या फिर वहां किसी हादसे की वजह से रेडियोएक्टिव एक्टिविटीज होने का खतरा भी दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. इन सब हमलों के बीच ये बात कहना गलत नहीं है कि वहां की सेहत पर भी काफी बुरा असर पड़ रहा है. युद्ध के लंबा होने से अमेरिका और यूरोप में पोटैशियम आयोडाइड (Potassium Iodide) की दवा की भी मांग में एक चौकाने वाली बात सामने आई है. 

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क्या असर होगा परमाणु हमले से

परमाणु हमले के होने की स्थिति में या फिर परमाणु हमला होने से हवा में रेडियोएक्टिव आयोडीन फैल जाएगा. ऐसे में संभव है कि यह आयोडीन फेफेड़ों या फिर थायराइड जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है. लोगों में सांस की दिक्कत, इन्फेक्शन जैसी कई समस्याएं देखी जा सकती है. 

क्या है पैटोशियम आयोडाइड

पैटेशियम आयोडाइड पैटेशियम और आयोडीन के तत्वों से मिलकर बनता है जिसे रासायनिक रूप से KI के रूप में लिखा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पोटेशियम आयोडाइड आयोडीन का एक नमक है जो थायराइड ग्रंथि को रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशोषित करने से रोकता है इस तरह से वह शेयर रमें होने वली बीमारियां या घाव को रोकता है. 

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थायराइड ग्रंथि और आयोडीन

थायराइड ग्रंथि शरीर में बहुत सारे ऐसे हारमोन पैदा करती है जो शरीर को नियंत्रित करते हैं. रेडियोधर्मी आयोडिन थायराइड ग्रंथि में घाव होता है और इससे कैंसर तक हो सकता है. जानकारों के मुताबिक सीडीसी का कहना है कि आमतौर पर जो नमक घरों में खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है उसमें इतना आयोडीन नहीं होता है जो रेडियोएक्टिव आयोडीन को थायराइड ग्रंथि में आने से रोकने के लिए काफी रहे. इसलिए इस बात का अनुमोदन किया जाता है कि खाने में सामान्य  नमक की जगह पोटैशियम आयोडाइड का इस्तेमाल किया जाए. 

कैसे काम करता है पोटैशियम आयोडाइड

दरअसल थाइराइड साधारण नमक और रेडियोधर्मी आयोडीन में अंतर नहीं कर पाता है. लेकिन पोटैशियम आयोडाइड रेडियोधर्मी आयोडीन को थायराइड में जाने से रोक लेता है. केआई खाने से थायराइड दवा का स्थिर आयोडिन समाहित कर लेता है इससे थायराइड ग्रंथि में इतना ज्यादा आयोडीन हो जाता है जिससे वह अगले 24 घंटे में और आयोडीन नहीं ले पाता. 

बढ़ने लगे दाम

जानकरों के मुताबिक अमेरिका तक में इस दवा के दाम बढ़ गए हैं. रूस के यूक्रेन में हमले के बाद से थायरोसेफ पोटैशियम आयोडाइड के दामों में काफी ज्यादा इजाफा देखा गया है. रिपोर्ट्स और लंदन की बीटीडी स्पेशियलिटी फार्मस्यूटिक्ल्स का भी कहना है कि वह अमेरिका में पोटैशियम आयोडाइड संबंधी दवा की मांग बढ़ गई है. यूरोप के कई देशों में इस तरह की दवा की जमाखोरी देखने को मिल रही है. बेल्जियम में 3 हजार नागरिक फार्मेसी की दुकान पर इस दवा के लिए पहुंच चुके हैं. युद्ध शुरू होने के बाद से फिनलैंड में ही पोटैशियम आयोडीन दवाओं की मांग सौ गुना बढ़ी है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दवा को तभी लेने की सलाह दी जाती है जब किसी बीमारी या रेडियोएक्टिव रेंज का सामना होने जा रहा हो. इस दवा को ज्यादा मात्रा में लेने से गंभीर बीमारी हो सकती है और मौत भी हो सकती है.