कोरोना को मात देने वालों को फिर से संक्रमित कर रहा वायरस, दिल्ली के अस्पतालों में आए मामले

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी के तीसरे और सबसे घातक लहर की लड़ाई जारी है. हालांकि कोरोनावायरस से संबंधित एक और खतरा मंडराने लगा है, जो दोबारा संक्रमण से ग्रसित होने को लेकर है.

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी के तीसरे और सबसे घातक लहर की लड़ाई जारी है. हालांकि कोरोनावायरस से संबंधित एक और खतरा मंडराने लगा है, जो दोबारा संक्रमण से ग्रसित होने को लेकर है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Coronavirus

कोरोना को मात देने वालों को फिर से संक्रमित कर रहा वायरस( Photo Credit : File Photo)

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Epidemic) के तीसरे और सबसे घातक लहर की लड़ाई जारी है. हालांकि कोरोनावायरस (Coronavirus) से संबंधित एक और खतरा मंडराने लगा है, जो दोबारा संक्रमण से ग्रसित होने को लेकर है. शहरभर के अस्पतालों में इस बीमारी से दोबारा संक्रमित होने के संभावित मामलों की रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है. उदाहरण संख्या में हालांकि कम या महत्वहीन हो सकते हैं, लेकिन खतरे की घंटी बताने के लिए यह पर्याप्त है.

Advertisment

दो दिन पहले सर गंगा राम अस्पताल में दो ऐले मामले सामने आए थे, जिनमें कोविड-19 से फिर से संक्रमित होने का दावा किया गया था. मामलों में कॉमरेडिटी और अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ एक व्यक्ति शामिल था. अस्पताल ने दावा किया कि उस व्यक्ति की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के 25 दिनों में ही पुन: संक्रमण पाया गया. वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी ठीक होने के दो महीने के भीतर दोबारा संक्रमित पाया गया था.

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भी हाल ही में ऐसे ही मामले सामने आए हैं. अस्पताल ने बताया कि कम से कम पांच मामले सामने आए थे, जिसमें कोविड-19 से उबर चुके लोगों के फिर से संक्रमित होने की संभावना है.

अपोलो में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने बताया कि पहले संक्रमण से ठीक होने के ढाई महीने बाद फिर से पॉजिटिव टेस्ट करने पर उनके एक मरीज को वापस एडमिट किया गया.

उन्होंने कहा, मरीज कोमोरीडिड (एक से अधिक बीमारी से ग्रसित) था. संक्रमण के पहले उदाहरण के दौरान उनका 10 दिनों तक इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई. हालांकि, ढाई महीने बाद उन्होंने कोविड जैसे लक्षणों की शुरूआत की शिकायत की और जब टेस्ट किया गया, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

इस बीच आकाश हेल्थकेयर ने सूचित किया कि उसे हाल ही में दो निश्चित पुन: संक्रमण के मामले मिले हैं, जहां पिछली बार संक्रमण से ठीक होने के दो महीने बाद रोगियों का रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आया.

आकाश में पल्मोनरी एंड स्लीप मेडिसिन विभाग में सलाहकार डॉ. अक्षय बुधराजा ने कहा, दस दिन पहले मरीज को बहुत तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्या के साथ भर्ती कराया गया था. उन्हें अत्यधिक मोटापा है. डिस्चार्ज होने से पहले आठ दिन तक उनका इलाज किया गया था.

उन्होंने आगे कहा, हमारी जांच के दौरान रोगियों ने खुलासा किया कि उन्होंने सितंबर की शुरुआत में परीक्षण किया था, जब उनका पूरा परिवार वायरस के संपर्क में आया था और रिपोर्ट पॉजिटिव थी. चूंकि बीमारी का लक्षण मामूली था, इसलिए उन्होंने 21 दिनों के होम आइसोलेशन का विकल्प चुना और फिर उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. हालांकि, उन्हें अक्टूबर के अंत में सांस लेने की समस्या और बुखार होने लगा और जब उन्होंने आरटी-पीसीआर परीक्षण किया, तो परिणाम पॉजिटिव आया.

हालांकि डॉ. बुधराजा ने कहा कि रोगी पर एंटीबॉडी परीक्षण का पालन नहीं किया गया था, उन्होंने दावा किया कि सीटी स्कैन और रक्त परीक्षण जैसी जांच के निष्कर्षों से पता चलता है कि उनके पास रिलेप्स नहीं था, लेकिन फिर से संक्रमण की पुष्टि हुई थी.

बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सेंटर फॉर चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिसीज के सीनियर डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. संदीप नायर ने भी बताया कि उनके अस्पताल में ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके दोबारा संक्रमित होने की संभावना है.

उन्होंने कहा, मैंने अभी एक मरीज को देखा है जिसमें हल्के लक्षण थे और कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट पॉजीटिव आया. हालांकि, डॉ. चटर्जी ने कहा कि रिपोर्ट के मामलों की पुन: पुष्टि वाले मामलों के लिए जल्द फॉलोअप कार्रवाई की आवश्यकता है, क्योंकि इससे जनता में दहशत फैल सकती है.

उन्होंने कहा, सभी संकेतक वायरल बीमारी से फिर से संक्रमित होने के मामलों में हमें उन्हें लेबल करने से पहले अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि यह जनता के बीच दहशत पैदा कर सकता है.

Source : IANS

covid-19 corona-virus कोरोनावायरस कोविड-19 Corona Epidemic COVID-19 Epidemic
      
Advertisment