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Omicron समेत कोरोना के सभी वेरिएंट की 45 मिनट में जांच, नई RT-PCR किट को मंजूरी

कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर किट (KRIVIDA Novus RT-PCR kit) नाम के इस नए किट के बाद ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट पर लगने वाला समय और फीस कम हो सकेगा.

Updated on: 03 Feb 2022, 12:42 PM

highlights

  • सभी RT-PCR किट की तुलना में ये नई किट किफायती भी होगी
  • वायरस में मौजूद S-Gene के जरिए ओमीक्रॉन वेरिएंट की पहचान 
  • ICMR ने चेन्नई में बनाई गई नई RT-PCR किट को मंजूरी दी है

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस के नए और बेहद संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन के संक्रमण का पता भी अब जल्दी चल सकेगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चेन्नई में बनाई गई एक नई RT-PCR किट को मंजूरी दी है. इसके जरिए महज 45 मिनट में कोरोना के डेल्टा और ओमीक्रॉन समेत सभी वेरिएंट्स का पता लगाया जा सकता है. कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर किट (KRIVIDA Novus RT-PCR kit) नाम के इस नए किट के बाद ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट पर लगने वाला समय और फीस कम हो सकेगा.

इससे पहले ओमीक्रॉन संक्रमण का पता लगाने में सैंपल लेने से लेकर रिपोर्ट आने तक की प्रक्रिया में कम से कम 5-7 दिन का समय लगता है. साथ ही इस टेस्ट को कराने में करीब 5 हजार रुपए का खर्च भी आता है. अब इससे छुटकारा मिल सकता है. दावा किया गया है कि नई RT-PCR किट से ओमीक्रॉन वेरिएंट की सटीक जांच की जा सकेगी. इस किट को ImmuGenix Bioscience कंपनी के सहयोग से बनाया गया है.

स्वैब के जरिए ही सभी सब-वेरिएंट का भी टेस्ट

इस कंपनी के संस्थापक, निदेशक और किट के निर्माता डॉ. नवीन कुमार वेंकटेशन के मुताबिक कृविडा नोवस किट S-Gene टारगेट फेल्योर स्ट्रैटजी के जरिए ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता लगाता है. किट से ओमीक्रॉन (B.1.1.529) के सभी सब-वेरिएंट BA.1, BA.2 और BA.3 का भी पता लगाया जा सकता है. डॉ. वेंकटेशन ने बताया कि इस नई किट से वैसे ही टेस्ट किया जा सकता है, जैसे अब तक पुराने किट से किया जाता रहा है. सैंपल के लिए आप नाक या गले से स्वैब लेकर टेस्ट कर सकते हैं.

S-Gene टारगेट फेल्योर स्ट्रैटजी क्या है ?

कोरोनावायरस में मौजूद S-Gene के जरिए ही ओमीक्रॉन वेरिएंट की पहचान की जा रही है. कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओमीक्रॉन में S-Gene नहीं है. अगर किसी व्यक्ति के सैंपल में S-Gene नहीं मिला है, तो वो ओमीक्रॉन संक्रमित है. सैंपल में S-Gene मौजूद है तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है. इसका मतलब है कि कोरोना के किसी दूसरे वेरिएंट का संक्रमण है, लेकिन ओमीक्रॉन नहीं है. कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर इसी S-Gene और 5 अलग जीन का पता लगाता है. 

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पुरानी RT-PCR किट के मुकाबले किफायती

क्रिया मेडिकल टेक्नोलॉजी के रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग की प्रमुख डॉ. शनमुगप्रिया के मुताबिक नई RT-PCR किट SARS-COV-2 के चार जीन और एक ह्यूमन जीन का पहचान करती है. पुरानी सभी RT-PCR किट SARS-COV-2 के ज्यादा से ज्यादा तीन जीन का पता लगाती थी. वहीं कंपनी की सीईओ और संस्थापक अनु मोतुरी ने बताया कि अब तक बाजार में बिकने वाली सभी RT-PCR किट की तुलना में ये नई किट किफायती भी होगी. हालांकि उन्होंने कीमत का खुलासा नहीं किया. आने वाले वक्त में इसका पता चलेगा.