मंकीपॉक्स के सात मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री संसद में की ये बड़ी घोषणा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भारत में मंकीपॉक्स का सातवां मामला दर्ज सामने आने के बाद संसद में मंकीपॉक्स को लेकर स्थिति साफ की.
highlights
- कोई नई बीमारी नहीं है मंकीपॉक्स
- स्वास्थ्य मंत्री बोले, बिल्कुल न करें चिंता
- मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए देश ही तैयार
नई दिल्ली:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भारत में मंकीपॉक्स का सातवां मामला दर्ज सामने आने के बाद संसद में मंकीपॉक्स को लेकर स्थिति साफ की. उन्होंने कहा कि केरल में एक नया मामला दर्ज किया गया, जिससे वहां, मंकीपॉक्स पीड़ितों संख्या पांच हो गई. इस मौके पर डॉ मंडाविया ने कहा कि यह कोई नई बीमारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के वायरस से डरने की कोई आवश्यकता नहीं थी. इस बीमारी से उपजे खतरों के बीच स्वास्थ्य मंत्री ने संसद को आश्वासन देते हुए कि भारत इससे निपटने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
1970 से अफ्रीका में पाए जाते हैं मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स बीमारी को विस्तार से समझाते हुए स्वास्थ्य मंत्री हंसमुख मांडविया ने कहा कि मंकीपॉक्स भारत और दुनिया में कोई नई बीमारी नहीं है. 1970 के बाद से दुनिया में बहुत सारे मामले अफ्रीका में सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इसको लेकर गंभीर है. इसके साथ ही भारत में भी इसकी निगरानी शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जो वायरस पहले मुख्य रूप से अफ्रीका तक ही सीमित था. इस वर्ष दुनिया भर के कम से कम 75 देशों और क्षेत्रों में फैल चुका है. WHO ने इसको लेकर हाल ही में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. वैश्विक स्तर पर 22,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
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दूसरे देशों में मामले सामने आते ही सतर्क हो गया भारत
उन्होंने कहा कि जब दुनिया में मामले सामने आने लगे तभी भारत ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. केरल में पहले मामले से पहले हमने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए थे. हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारों को लिखा है कि यात्रियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट भी हमें भेजी जाए. ये बाते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कही.
टीका बनाने की प्रक्रिया है जारी
इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि मंकीपॉक्स को हमारे वैज्ञानिकों ने अलग-थलग कर दिया है और आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने भी 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' जारी किया है. जैसे कोविड के समय किया गया था. उन्होंने कहा कि इस वायरस की पहचान कर डॉक्टरों ने अलग कर दिया गया है, ताकि इसका टीका बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि वायरस का अध्ययन करने के लिए एक केंद्रीय कार्य बल का गठन किया गया है और केरल को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है. गौरतलब है कि दक्षिणी राज्य ने सोमवार को भारत की पहली मंकीपॉक्स मौत की भी सूचना दी थी. विश्व स्तर पर अमेरिका मंकीपॉक्स के मामले में सबसे खराब स्थिति में है और यूरोप सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र है.
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