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वजन घटाने ही नहीं बढ़ानें में भी मददगार होते है ये योगासन

वजन घटाना बहुत मुश्किल होता है ये बात तो सब जानते है पर वजन बढ़ाना भी कोई आसान बात नहीं होती है।

Updated on: 05 May 2017, 10:48 AM

नई दिल्ली:

वजन घटाना बहुत मुश्किल होता है ये बात तो सब जानते है पर वजन बढ़ाना भी कोई आसान बात नहीं होती है। इसलिए वजन बढ़ाने के लिए अच्छी एक्सरसाइज और डाइट के साथ-साथ योग बहुत फायदेमंद होता है। योग हमारे शरीर के पाचन, मेटाबोलिज्म को ठीक करता है। इसका अलावा यह स्ट्रेस भी कम करता है। इन सभी चीजों के स्वस्थ रहने से वजन बढ़ाने में भी आसानी होती है। आइए जानते योग के उन आसनों के बारे में जो वजन बढ़ाने में भी आपके काम आएंगे।

 

वज्रासन
वज्रासन

वज्रासन करने के लिए जमीन पर अपने घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। अपने शरीर का भार अपनी जंघाओं पर डालकर बैठे। कमर को सीधा रखें और गहरी और लंबी सांसें लें। वज्रासन एक मात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद ही करना चाहिए। यह आपका पाचन तंत्र मजबूत करता है और मेटाबोलिज्म को ठीक करता है।

श्वासन
श्वासन

शरीर को ढ़ीला छोड़ते हुए पीठ के सहारे लेट कर अपने दोनों हाथों को शरीर से 5 इंच की दूरी पर रखें। पैरों के बीच 1 फुट का अंतर रखें। आंख और मुख को बंद कर लें। हल्की-हल्की श्वांस लें। अपना पूर ध्यान अब अपनी श्वांसों पर लगाएं। दूसरे किसी विचार को अपने अंदर न आने दें। इस आसन को करते समय यदि नींद आने लगे तो अपनी श्वासों को लंबी और गहरी खीचें। यह आसन वजन बढ़ाने के लिए न सिर्फ सबसे आसान आसन है बल्कि सबसे जरूरी आसन भी है।

भुजंगासन
भुजंगासन

जिनका शरीर ज्यादा दुबला पतला है वे लोग अपने शरीर को फिट करने के लिए भुजंगासन करें। इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अपनी हथेलियों को जमीन पर टिकाते हुए कमर तक के हिस्सों को ऊपर उठाएं और सिर को जितना संभव हो उतना पीछे लेकर जाएं या फिर सीधा रखें। कोहनियों को मुड़ने न दें। वहीं पैरों के बीच अंतर रखें। सांस छोड़ते हुए वापिस जमीन पर आ जाएं।

पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन

इस आसन से आंतें पौष्टिक रसों को अवशोषित करते लगती हैं और इससे वजन बढ़ता है। इसे करना बेहद आसान है। जमीन पर चटाई या आसन बीच कर पीठ के बल लेट जाइये। लेटे रहते वक्त अपने दोनों पैरों को मिलाकर रखें तथा अपने हाथों को शरीर के साथ सटाकर रखें एवं हथेलियों का रुख ज़मीन की ओर रखें। अब पाने अपने दाएँ पैर को घुटनों से मोड़ें और दायीं जाँघ को छाती के पास ले जाएं। दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाते हुए घुटने से थोड़ा नीचे से पकड़ लें।
डीप ब्रीदिंग करते हुए सांस को छोड़ते वक्त पैर को छाती की ओर लेकर आएँ, थोड़ा दबाव देकर रखें। इसी पोजीशन में सांस को रोकते हुए सिर को ज़मीन से उठाते हुए अपने माथे को दाएँ घुटने से छूने की कोशिश करनी है। इस पोजीशन में कुछ देर रहे और उसके बाद साँस लेते हुए सिर को धीरे-धीरे ज़मीन पर लेकर आएँ और साँस बाहर करते हुए हाथों और पैरों को सीधा कर लें और पहले की पोजीशन में वापस आ जाएँ।

मत्स्यासन
मत्स्यासन

दोनों पैर सामने की ओर सीधे रखिये। शरीर के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे पीछे की ओर उसी तरह झुकाइये जिस प्रकार मत्स्यासन में झुकाते है। सिर के ऊपरी हिस्से को आराम से जमीन पर रखिये तथा पीठ को गोलाकार झुकाकर दोनों हाथों को जांघों पर रख लीजिये। अंतिम स्थिति में कुछ देर रूकें उसके बाद फिर पूर्व स्थिति में वापस आ जायें।