अगर आप चिंता से राहत पाने के लिए खाते है दवाइयां तो हो जाइये सावधान

एक अध्य्यन में खुलासा हुआ है कि नींद न आने या चिंता से राहत पाने के लिए जरूरत से ज्यादा दवाइयों का इस्तेमाल करते है तो ये सेहत लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

एक अध्य्यन में खुलासा हुआ है कि नींद न आने या चिंता से राहत पाने के लिए जरूरत से ज्यादा दवाइयों का इस्तेमाल करते है तो ये सेहत लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

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ruchika sharma
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अगर आप चिंता से राहत पाने के लिए खाते है दवाइयां तो हो जाइये सावधान

दवाइयां (फाइल फोटो)

एक नए शोध में प्रीगैब्लिन (Pregabalinऔर गबपेंटीन (Gabapentinनाम की दवाइयों को लेकर चौका देने वाला खुलासा हुआ है।

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दरअसल ये दोनों दवाइयां न्यूरोपैथिक दर्द, चिंता, अनिद्रा और दूसरी मानसिक बीमारियों के उपचार के दौरान डॉक्टर की सलाह के बाद ली जाती है। लेकिन ड्रग्स के साथ इसका दुरुपयोग होने से मृत्यु की संख्या में इजाफा हुआ है। 

इन दवाइयों के गलत इस्तेमाल करने से ये जानलेवा साबित हो रही है। इन दवाइयों को हेरोइन और अन्य ऑक्सीओड के साथ इस्तेमाल करना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

प्रीगैब्लिन (Pregabalin)और गबपेंटीन (Gabapentin) मूल रूप से मिर्गी का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होती थी लेकिन हाल ही में ये न्यूरोपैथिक दर्द, चिंता, अनिद्रा और अन्य मानसिक बीमारियों के इलाज में भी इस्तेमाल की जाती है।

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हाल ही के आंकड़े बताते हैं कि इन दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन 2004 में 1 मिलियन से बढ़कर 2015 में 10.5 मिलियन हो गए (यानी साल दर साल 24% की वृद्धि) और इन दवाइयों के दुरुपयोग होना एक चिंताजनक विषय है।

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एडिक्शन नामक जर्नल में बताया गया है कि इंग्लैंड और वेल्स में होने वाली मौतों की संख्या में 2009 की तुलना में एक साल से भी कम में बढ़ गयी है। 2015 में 137 मौत हुई , जिसमें से 79% लोगों ने इन दवाइयों का हेरोइन के साथ गलत इस्तेमाल किया था।

हेरोइन इस्तेमाल करने वालों के अनुसार प्रीगाबालिन और गबैपेंटीन का इस्तेमाल करना आसान था और ऐसा करना नियंत्रण के नुकसान की भावना और हेरोइन के एक बढ़ते हुए प्रभाव से जुड़ा हुआ था।

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अध्ययन से पता चलता है कि ओपीओड पर निर्भर डॉक्टर्स और लोग ये बात मालूम है कि ड्रग्स के साथ गैबापेंटीन या प्रीगाबालिन करने से अधिक मात्रा में मौतों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

2016 में किये गए एक अध्य्यन के मुताबिक उपचार केंद्रों में इलाज किए जाने वाले मरीजों के पेशाब के नमूने में पाया गया था कि पांच में एक व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के बिना गैबापेंटिन का इस्तेमाल करता था।

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Source : News Nation Bureau

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