logo-image

पतली कार्निया से हो सकता है नेत्रहीन होने का खतरा

कार्निया की मोटाई को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार एक प्रोटीन की वजह से एक प्रकार के नेत्र रोग का खतरा पैदा हो सकता है।

Updated on: 30 Jan 2018, 02:37 AM

नई दिल्ली:

कार्निया की मोटाई को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार एक प्रोटीन की वजह से एक प्रकार के नेत्र रोग का खतरा पैदा हो सकता है। ग्लूकोमा (मोतियाबिंदु) में नेत्र रोगों के कई विकार शामिल होते हैं, जो आंख पर दबाव बढ़ाता है और नेत्र संबंधी नसों को नुकसान पहुचाता है, जिससे आगे चलकर नेत्रहीनता हो सकती है।

इस शोध को चूहों पर किया गया है। इसमें पाया गया कि चूहों के जीन के आनुवांशिक विभिन्नता में जो प्रोटीन पीओयू6एफ2 के लिए कोड करता है, वह आंख की संरचना पर असर डाल सकता है और व्यक्ति में ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा सकता है।

शोधकर्ताओं ने जब पीओयू6एफ2 के वाहक जीन को हटा दिया तो प्रभावित चूहों में सामान्य चूहों के मुकाबले कार्निया पतली पाई गई।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि बहुत से जीन का जटिल मिश्रण व बदलाव साथ ही साथ पर्यावरण संबंधी स्थितियां ग्लूकोमा के लिए जिम्मेदार होती हैं। यह पतली कार्निया का सबसे आम जोखिम कारक है।

अमेरिका के अटलांटा के इमोरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल्डान ई. गेईसर्ट ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि मध्य कार्निया की मोटाई व मोतियाबिंद के बीच संबंध को परिभाषित करने से हमें ग्लूकोमा के जल्दी पहचान में सहायता मिलेगी और इससे बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकेगा।'

और पढ़ेंः सेक्स को लेकर खत्म हुई शर्म, महिलाओं में 6 गुना बढ़ा कंडोम का इस्तेमाल, पंजाब है सबसे आगे