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फेफड़ों में सूजन होने पर नजर आएंगे ये लक्षण, इस घरेलू उपचार से दूर करें समस्या

फेफड़ों में होने वाली सूजन से आपको कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. आपको बता दें कि फेफड़ों में सूजन से अस्थमा की बीमारी हो जाती है. ये एक काफी एक गंभीर बीमारी है जो कभी कभी जानलेवा भी हो सकती है. 

Updated on: 13 May 2021, 01:55 PM

highlights

  • अस्थमा से करीब 300 मिलियन लोग पीड़ित
  • दुनिया के 10% मरीज भारत में हैं
  • फेफड़ों में सूजन होने पर सांस में कठिनाई होगी

नई दिल्ली:

फेफड़े (Lungs) हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं. इंसान हर रोज करीब 20 हजार बार सांस लेता है और हर सांस के साथ जितनी ज्यादा ऑक्सीजन शरीर के अंदर पहुंचती है. हमारे फेफड़े जितने स्वस्थ्य होंगे, शरीर उतना ही सेहतमंद बना रहता है. लेकिन कोरोना काल में सबसे ज्यादा खतरा फेफड़ों पर ही मंडरा रहा है. आज हम बात कर रहे हैं फेफड़ों में होने वाली सूजन (Swelling in Lungs) के बारे में जिससे आपको कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. आपको बता दें कि फेफड़ों में सूजन से अस्थमा की बीमारी हो जाती है. ये एक काफी एक गंभीर बीमारी है जो कभी कभी जानलेवा भी हो सकती है. 

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फेफड़े के वायुमार्ग में जब सूजन आने लगती है तो ऐसी स्थिति को ब्रोन्कियल अस्थमा कहते हैं. इससे वायुमार्ग पतला हो जाता है और बलगम ज्यादा बनने लगता है, खांसी ज्यादा आने लगती है, और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है. अस्थमा से करीब 300 मिलियन लोग पीड़ित हैं और दुनिया में अस्थमा से पीड़ित कुल मरीजों की संख्या भारत में 10% है. फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पाया कि पिछले सालों में उच्च यातायात तीव्रताऔर ओजोन के खतरे ने अस्थमा से पीड़ित मरीजों में रिस्क फैक्टर को बढ़ाया है. 

फेफड़ों में सूजन के लक्षण

पल्मोनरी एडिमा संकेत और लक्षण अचानक दिखाई दे सकते हैं या समय के साथ विकसित हो सकते हैं. इसके लक्षण एडिमा के प्रकार पर निर्भर करते हैं. आमतौर पर इसके लक्षणों में सांस में कठिनाई, सांस की अत्यधिक कमी, घुटन या डूबने की भावना होना, थूक वाली खांसी, खांसी में खून, सांस लेते समय घरघराहट या हांफना, ठंडी, रूखी त्वचा, चिंता, बेचैनी और अनियमित महसूस होने लगती है. 

आइए जानते हैं इससे बचने के घरेलू नुस्खे-

  • खूब पानी पिएं- फेफड़ों की सेहत के लिए यह बहुत जरूरी होता है. पानी से फेफड़े हाइड्रेट (गीले) बने रहते और फेफड़ों की गंदगी इसी गीलेपन की वजह से बाहर निकल पाती है और फेफड़े सेहतमंद बने रहते हैं.
  • लहसुन-प्याज खाएं- इसमें एलिसिन नाम का तत्व पाया जाता है. ये सूजन व जलन कम करता है और संक्रमण से निपटने में मदद करता है. ये फेफड़ों में घुसे प्रदूषक कणों को खत्म कर देता है. अस्थमा में लहसुन का सेवन लाभकारी होता है. लंग कैंसर में भी ये गुणकारी होता है.
  • ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त खाना खाएं- फैटी एसिड पूरे शरीर की सेहत के लिए जरूरी हैं. लेकिन कई अध्ययनों से ये साबित हुआ है कि ये अस्थमा में भी बहुत लाभकारी है. यह आपको अखरोट, बींस, दूध से बनी चीजों और अलसी के बीजों से मिलेगा.

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इन चीजों से बचें-

  • स्मोकिंग- धूम्रपान को तुरंत प्रभाव से छोड़ दें क्योंकि यह इस विकार के लक्षणों को खराब कर सकता है. वातावरण में मौजूद एलर्जी से बचें क्योंकि वे आपके फेफड़ों को परेशान कर सकते हैं. यदि संभव हो, तो उन दिनों पर बाहर न निकलें जब यह बहुत ठंडा या बहुत गर्म होता है क्योंकि यह आपके फेफड़ों को परेशान कर सकता है.  
  • शराब- शराब और ड्रग्स जैसे मारिजुआना, कोकीन, और नायिका न केवल पल्मोनरी एडिमा का कारण बन सकती हैं, बल्कि इसके लक्षणों को भी खराब कर सकती हैं. यदि आपको पल्मोनरी एडिमा का निदान किया गया है, तो आपको इन सभी पदार्थों को छोड़ देना चाहिए.
  • भारी एक्सरसाइज- भारी एक्सरसाइज को पल्मोनरी एडिमा के लक्षणों को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. यदि आप दिन भर शारीरिक गतिविधियों में बिजी रहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपको अपने श्वसन तंत्र को आराम देने के लिए हर घंटे के बाद अल्प विराम मिले. यदि आप पहले से ही इस रोग से पीड़ित हैं तो आपको शारीरिक गतिविधियों से बचना या कम करना है.