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IVF Treatment Stages: IVF के ये 6 चरण बनाते हैं महिलाओं को मां, जानें पूरी प्रक्रिया

IVF Treatment Stages: दुनिया भर में हर साल आईवीएफ के जरिए करीब 80 लाख बच्चे पैदा होते हैं . अगर आप भी आईवीएफ के जरिए मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं, तो इस लेख में आप इसके सारे चरणों के बारे में पढ़ सकते हैं.

Updated on: 20 Mar 2024, 10:47 AM

नई दिल्ली :

IVF Treatment Stages: आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक प्रौद्योगिकी है जिसका उपयोग वह महिलाएं करती हैं जो गर्भाधान करने में समस्या उत्पन्न होती है. इस प्रक्रिया में एग्ज़ैग्रेटेड इयूट्रा, जिसे बाहरी माध्यमों के माध्यम से उत्तेजित किया जाता है, पेट्री डिश में एक दोषपूर्ण बुंद के रूप में प्रत्यक्ष प्रतिस्थापन के लिए उपयोग किया जाता है. इस तरह, एक स्त्री के गर्भ के बारे में निर्णय करने के लिए परीक्षण किया जाता है, जिससे वह वांछित परिणाम प्राप्त कर सके. IVF के दौरान अक्सर एक या एक से अधिक एम्ब्रियों को उत्तेजित किया जाता है और उन्हें प्राकृतिक तरीके से बच्चे के लिए देखा जाता है. इस प्रकार, IVF से पैदा हुए बच्चे को छुटकारा दिया जाता है, ताकि किसी विशेष गुणवत्ता या अन्य चिकित्सीय समस्या का विश्लेषण किया जा सके. यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि केवल स्वस्थ और सम्भावित रिक्त स्थितियों को निर्धारित किया जाए, जिससे गर्भाधान के प्रक्रिया में समस्याएं कम हों. IVF (In Vitro Fertilization) एक प्रजनन प्रक्रिया है जिसमें बच्चे का उत्पन्न होना पेट्री डिश में होता है, न कि महिला के गर्भ में. यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए सहायक है जो प्राकृतिक तरीके से गर्भाधान करने में समस्या अनुभव कर रहे होते हैं. 

IVF प्रक्रिया की कई चरण होते हैं:

ओवुलेशन स्टिमुलेशन: महिला को शॉट्स या दवाओं के माध्यम से ओवुलेशन (अंडानुराग) को बढ़ाने के लिए उत्तेजित किया जाता है. इससे एक समय में एक से अधिक अंडे परिपक्व होते हैं.

अंडा संग्रहण: परिपक्व अंडे एक छोटे कारगर प्रकार के सुर्गिकल प्रोसीजर के माध्यम से निकाले जाते हैं.

स्पर्म संग्रहण: पुरुष से संग्रहित स्पर्म का उपयोग किया जाता है या यदि उनकी शुक्राणुओं में समस्या है तो उनके संग्रहण के लिए उपकरण का उपयोग किया जाता है.

अंडा और स्पर्म का परिवार में जोड़ना: इस चरण में, लैब में अंडे और स्पर्म को मिलाया जाता है ताकि गर्भाधान हो सके. इस प्रक्रिया को पेट्री डिश में किया जाता है.

गर्भाधान की प्रक्रिया: जब अंडा और स्पर्म मिल जाते हैं, तो डॉक्टर या चिकित्सक उन्हें महिला के गर्भ में स्थापित करते हैं.

परिवार में बच्चे की सफलता: अगर गर्भाधान सफल हो जाती है, तो डॉक्टर या चिकित्सक महिला का प्रेगनेंसी का परीक्षण करते हैं. यदि परीक्षण सकारात्मक होता है, तो वह महिला गर्भधारण के लिए तैयार होती हैं.

इस प्रक्रिया के दौरान, गर्भधारण के लिए अधिक विशेषज्ञता और तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है, जिसे दक्षतापूर्वक और संवेदनशीलता से लागू किया जाता है.

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