विश्व स्वास्थ्य दिवस लें खुद से प्यार करने का संकल्प, तनाव से रहेंगे दूर

विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस बार की थीम डिप्रेशन है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस बार की थीम डिप्रेशन है।

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Aditi Singh
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विश्व स्वास्थ्य दिवस लें खुद से प्यार करने का संकल्प, तनाव से रहेंगे दूर

विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया जाता है । इस बार की थीम डिप्रेशन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 30 करोड़ से अधिक लोग डिप्रेशन का शिकार है। पिछले एक दशक के दौरान डिप्रेशन की दर में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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30 करोड़ डिप्रेशन के शिकार लोगों में सबसे ज्यादा संख्या चीन और भारत की है। इस बीमारी के कारण दुनियाभर में लोगों में खुदकुशी करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। 15 से 29 वर्ष की उम्र समूह में तो यह दुनिया में मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण बन चुका है। कई शोधों का मानना है कि इस बीमारी में दवाओं से ज्यादा खुद से प्यार काम करता है। ये आपको जीने का नया तरीका सिखाता है।

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क्या होता है डिप्रेशन
डिप्रेशन को अक्सर लोग बीमारी मानते ही नहीं है। वह इसका इलाज ही नहीं कराते है। जिसके कारण ये समस्या बढ़ जाती है। डिप्रेशन में आप अपने आपको तनाव के इर्द-गिर्द समेट लेते है। बदलते और भागते हुए इस लाइफस्टाल में आज बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी इसका शिकार है। तनाव में आप समझ नहीं पाते खुद को और आपके आस-पास की चीजें गलत लगने लगती है। ये कब किन हालातों में और किस उम्र में आता है पता ही नहीं चलता है।

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कैसे करे पहचान
डिप्रेशन का शिकार अक्सर उदास या परेशान रहता है, खुद को असहाय मानता है। ऐसा व्यक्ति खूब सोता है या फिर उसे नींद बहुत ही कम आती है।वजन बढता-घटता रहता है। चिढ़चिढ़ा या फिर जरूरत से जायादा शांत रहता है। समाजिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनने से घटता है।

इस तरह से करे इलाज
डिप्रेशन के लिए दवाओं से भी ज्यादा खुद से प्यार अच्छा इलाज माना जाता है। तनाव को खुद पर हावी ना होने दे। अपनी बातों और शिकायतों को खुलकर सामने रखें। दिल ही दिल में घुटते रहना इस बीमारी को बढ़ा देता है। अकेलेपन से भी प्यार करना सीखें। ये आपको तनाव में आने से रोकेगा। जरूरत होने पर इसके लिए दवाओं को लेने से गुरेज ना करें। डिप्रेशन से निपटने के लिए किसी भी तरह की हिचकिचाहट नहीं रखनी चाहिए। 

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तनाव में होने पर खान पान की चीजों का ख्याल नहीं रखा जाता। सेहत पर ध्यान न देने से मोटापा, दिल के रोग, हाईपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियां होने का ख़तरा बढ़ जाता है। अकसर शराब, तम्बाकू या अन्य नशीली चीज़ों का सेवन तनाव से बचने कि लिए किया जाता है। लेकिन ऐसा करना सेहत कि लिए खतरनाक होता है। तनाव से आपकी मानसिक सेहत तक बिगड़ सकती है।

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Source : News Nation Bureau

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