Symptoms of Malnutrition: कुपोषण होने के क्या है कारण, जानें इसके लक्षण और उपचार

Symptoms of Malnutrition: कुपोषण अधिकतर विकासशील देशों और गरीब समुदाय में देखी जाती है, आइए जाने इसके कारण और उपचार

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Ritika Shree
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Symptoms of Malnutrition

Symptoms of Malnutrition( Photo Credit : social media)

Symptoms of Malnutrition: कुपोषण (Malnutrition) एक स्थिति है जिसमें शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषण सामग्री मिलने में कमी से होती है, जिससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. यह स्थिति आमतौर पर खाद्य सामग्रियों की कमी, अनुपयोग, और अधिकतम आहार की अभाव के कारण हो सकती है. यह एक समस्या है जो अधिकतर विकासशील देश और गरीब समुदायों में देखी जाती है, लेकिन यह देखा जा रहा है कि यह आधुनिक जीवनशैली के कुछ पहलुओं के कारण विकसित देशों में भी बढ़ रहा है. कुपोषण का सामान्यत: प्रमुख कारण गरीबी, अशिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हो सकती है. यह समस्या विभिन्न आयु समृद्धि के व्यक्तियों, विशेषकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित कर सकती है, जिससे समाज में सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ सकती है.

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कुपोषण के कारण:

अपशिष्ट आहार: अधिकांश मामूले और अपशिष्ट आहार कुपोषण का मुख्य कारण होते हैं.

अस्वास्थ्यकर जीवनशैली: अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, जैसे कि तंबाकू और शराब का सेवन, भी कुपोषण को बढ़ा सकता है.

जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से जुड़ी असुरक्षितता, बाढ़, और सूखा भी कुपोषण को बढ़ा सकते हैं.

कुपोषण के प्रमुख प्रकार हैं:

कुपोषण की कमी: इसमें आवश्यक पोषण सामग्रीयों की कमी होती है, जैसे कि प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स.

कुपोषण का अधिशेष: इसमें आपका शरीर अधिशेष पोषण सामग्रीयों को सही तरह से अदा नहीं कर पाता है.

कुपोषण के परिणामस्वरूप होने वाले लक्षण शामिल हैं:

वजन कमी और दुर्बलता: वजन कमी, दुर्बलता और शारीरिक कमजोरी हो सकती है.

रक्तचाप की समस्याएं: कुपोषण से रक्तचाप की समस्याएं भी हो सकती हैं.

सुरक्षित रोग प्रतिरक्षा: कुपोषण से रोग प्रतिरक्षा में कमी हो सकती है जिससे व्यक्ति आसानी से बीमार हो जाता है.

कुपोषण को दूर करने के लिए अच्छे पोषण, स्वस्थ जीवनशैली, और आदर्श सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं महत्वपूर्ण हैं.

कुपोषण दूर करने के लिए कदम:

सही पोषण योजना बनाएं: एक सही पोषण योजना बनाएं जिसमें सभी पोषण सामग्रियां शामिल हों, जैसे कि प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, और कार्बोहाइड्रेट्स.

स्वस्थ आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार खाएं, जैसे कि सब्जियां, फल, अनाज, दल, और दूध उत्पाद.

नियमित आहार: नियमित खानपान रखें और तिनों भोजनों को बिल्कुल न छोड़ें.

प्रतिदिन काफी पानी पिएं: प्रतिदिन काफी पानी पिएं ताकि शरीर सही तरह से हाइड्रेटेड रहे.

स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम करें और अधिक समय तक बैठे न रहें. सही नींद लें और स्ट्रेस से बचने के लिए योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें.

विभिन्न आहार स्रोतों का उपयोग करें: विभिन्न प्रकार के आहार स्रोतों का उपयोग करें ताकि आपको सभी आवश्यक पोषण सामग्रियां मिलें.

आदर्श स्वास्थ्य सेवाएं: नियमित चेकअप और आदर्श स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं. बच्चों को भी नियमित चेकअप कराएं.

जनसंख्या नियंत्रण: जनसंख्या नियंत्रण के प्रोग्रामों का सही तरह से उपयोग करें ताकि जनसंख्या बढ़ने की रुकावट हो सके और परिवारों को सही तरह से देखभाल मिले.

शिक्षा और जागरूकता: लोगों को सही पोषण के महत्व के बारे में शिक्षित करें और जागरूक करें ताकि सही आहार और जीवनशैली का अनुसरण करें.

कुपोषण को दूर करने के लिए समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाना महत्वपूर्ण है और समृद्धि में सहयोग करने वाले सभी स्तरों के लोगों की सहभागिता आवश्यक है.

Source : News Nation Bureau

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