Symptoms of Leucoderma: शरीर में कैसे फैलता है ल्यूकोडर्मा, जानें इसके लक्षण और कारण

Symptoms of Leucoderma: ल्यूकोडर्मा एक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों का रंग बदल जाता है और वहां सफेद दाग या पैच बन जाते हैं, आइए जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

Symptoms of Leucoderma: ल्यूकोडर्मा एक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों का रंग बदल जाता है और वहां सफेद दाग या पैच बन जाते हैं, आइए जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

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Ritika Shree
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Symptoms of Leucoderma

Symptoms of Leucoderma ( Photo Credit : social media)

Symptoms of Leucoderma: ल्यूकोडर्मा एक सामान्य त्वचा समस्या है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों में मेलेनिन की कमी होती है, जिससे सफेद दाग पैदा होते हैं. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और यह विभिन्न कारणों के कारण हो सकती है, जैसे कि त्वचा की संक्रमण, आंतरिक टिश्यू की कमजोरी, या अन्य विभिन्न कारण. सामान्यत: ल्यूकोडर्मा के लक्षण मुख्य रूप से सफेद दागों के रूप में दिखाई देते हैं, जो शरीर के किसी भी भाग में हो सकते हैं, जैसे कि चेहरा, हाथ, पैर, और अन्य जगहें. ल्यूकोडर्मा एक त्वचा समस्या होने के बावजूद, इसका इलाज संभव है और सही उपायों के साथ इसे नियंत्रित किया जा सकता है. ल्यूकोडर्मा, जिसे कई बार सफेद दागों के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से का रंग गोरा हो जाता है. यह एक गहरी समस्या होती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि त्वचा की संक्रमण, उत्तेजना, या आंतरिक असामान्य कारणों का प्रभाव. एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया की लगभग 0.5 से एक फीसदी की आबादी ल्यूकोडर्मा से प्रभावित है, लेकिन भारत में करीब 8.8 फीसदी लोग इस समस्या से प्रभावित है. भारत में इसको एक कलंक के रूप में देखा जाता है. आइए जाने इसके लक्षण और कारण:

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लक्षण

ल्यूकोडर्मा के मुख्य लक्षणों में से एक हैं सफेद दागों का उत्पन्न होना. ये दाग शरीर के विभिन्न हिस्सों में दिख सकते हैं, जैसे कि चेहरे, हाथ, पैर, और अन्य जगहें.

कारण

ल्यूकोडर्मा के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि त्वचा के किसी भाग में मेलेनिन की कमी, त्वचा की किसी संक्रमण, या उत्तेजक रोग.

मेलेनिन की कमी: यह त्वचा के किसी भी भाग में मेलेनिन की कमी के कारण हो सकता है, जिससे सफेद दाग पैदा होते हैं.

गलत खानपान: अधिक तेलीय और मसालेदार भोजन, अल्कोहल, अनावश्यक धूम्रपान, और अस्वस्थ आहार का सेवन करने से भी ल्यूकोडर्मा हो सकता है.

संक्रमण: त्वचा के किसी भाग में संक्रमण के कारण भी ल्यूकोडर्मा हो सकता है.

उत्तेजक रोग: कई बार बोध के उत्तेजक रोगों के बाद भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है.

आंतरिक कारण: कई बार, व्यक्ति के आंतरिक तंतु और प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी के कारण भी ल्यूकोडर्मा हो सकता है.

उपचार

ल्यूकोडर्मा का उपचार इसके कारणों और लक्षणों के आधार पर निर्भर करता है. डॉक्टर्स द्वारा प्रायोजित उपचार में क्रीम, दवाएँ, और उत्तेजक और आंतरिक उपाय शामिल हो सकते हैं.

टॉपिकल दवाएँ: त्वचा के लिए क्रीम, लोशन, और ओइंटमेंट का उपयोग किया जाता है, जिसमें स्टेरॉयड्स, विटामिन डी, और अन्य सक्रिय तत्व हो सकते हैं.

दवाओं का सेवन: डॉक्टर्स द्वारा निर्धारित दवाओं का नियमित सेवन करना महत्वपूर्ण होता है, जो ल्यूकोडर्मा के लक्षणों को कम कर सकते हैं.

आंतरिक इलाज: कई बार, डॉक्टर्स कोशिकाओं की बढ़ती संख्या को बढ़ाने और त्वचा को उत्तेजना करने के लिए आंतरिक दवाओं का प्रेस्क्राइब करते हैं.

संगणक उपचार: लेजर थेरेपी, प्रिक्सल लेजर, या प्रोटिन थेरेपी जैसे संगणक उपचारों का उपयोग किया जा सकता है.

वैक्सीनेशन: कुछ मामलों में, वैक्सीनेशन भी इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.

ल्यूकोडर्मा एक स्थायी समस्या हो सकती है, लेकिन सही उपचार और ध्यान से, लक्षणों को कम किया जा सकता है और रोग की प्रगति को रोका जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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