स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 1094, अस्पताल नहीं कर रहे निर्देशों का पालन
इस साल भी देश में स्वाइन फ्लू के कारण होनें वाली मौतों का आकंड़ा हजार के पार जा चुका है।
ऩई दिल्ली:
इस साल भी देश में स्वाइन फ्लू के कारण होनें वाली मौतों का आकंड़ा हजार के पार जा चुका है। जो पिछले साल के आंकड़े से चार गुना ज्यादा है। वायरस के बारे में पूरी जानकारी होने के बावजूद प्रशासन इन मौतों को रोकने में नाकामयाब रहा।
स्वाइन फ्लू के कारण देशभर में 23 अगस्त तक मरने वाले लोगों की संख्या करीब 1,094 है। वर्ष 2015 के बाद सबसे अधिक स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से इस वर्ष फ्लू पॉजीटिव मरीजों की मौत हुई है।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने पिछले हफ्ते की स्थिति का विश्लेषण किया और पाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एच1एन1 वायरस के फैलने और रोकने के लिए स्वाइन फ्लू से जुड़े दिशानिर्देशों का अस्पतालों में ठीक तरह से पालन नहीं किया जा रहा है।
एनसीडीसी के डायरेक्टर डॉ ए सी धारीवाल ने कहा,' बी श्रेणी के रोगियों की देखरेख के लिए दिशानिर्देश और प्रंबधन का ठीक तरह से पालन नहीं हुआ। बी श्रेणी के रोगियों का इलाज करने वालों डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिए हमने महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में अपनी टीमों को भेजा है। वायरस उत्परिवर्तित नहीं हुआ है, लेकिन हर साल वायरस का अनिश्चित व्यवहार होता है।'
इस बार का संक्रमण पिछले साल से अलग है। इस बार H1N1 वायरस मिशिगन स्ट्रेन का है, जबकि यह पहले कैलिफोर्निया स्ट्रेन का था।
स्वाइन फ्लू के कारण महाराष्ट्र में 4245, गुजरात में 3092 और तमिलनाडु में 2,994 मामले सामने आए। जिनमें से ज्यादातर मौतें महाराष्ट्र (437), गुजरात (237) और केरल (73) में हुई हैं।
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