Sushmita Sen को थी ये जानलेवा बीमारी, 4 साल से ज्यादा झेला था दर्द
रील लाइफ की तरह जिसमे सुष्मिता सेन हिम्मत से मुसीबतों को किनारा करती हैं वैसे ही रियल लाइफ में भी वो हिम्मत रखकर कई मुसीबतों से लड़ चुकी हैं.
New Delhi:
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज अकसर किसी न किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं. लेकिन उनकी बीमारी आज कल आम लोगों में भी देखने को मिल रही है. ऐसे ही बॉलीवुड एक्ट्रेस और विश्व सुंदरी सुष्मिता सेन बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में से एक हैं. वह अपनी एक्टिंग स्किल के अलावा अपने फिट फिगर के लिए भी जानी जाती हैं. इसमें कोई शक नहीं कि वे एक मजबूत महिला हैं. उन्होंने हर बार चैलिंजग रोल निभाकर बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया है. रील लाइफ की तरह जिसमे सुष्मिता सेन हिम्मत से मुसीबतों को किनारा करती हैं वैसे ही रियल लाइफ में भी वो हिम्मत रखकर कई मुसीबतों से लड़ चुकी हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार सुष्मिता सेन ने खुलासा किया कि 2014 में उन्हें एक जानलेवा बीमारी एडिसन के बारे में पता चला था. अपनी स्थिति के बारे में बात करते हुए सुष्मिता ने कहा कि 'वह काफी दर्दनाक दिन थे. बीमारी से लड़ने के लिए उन्हें स्टेरॉयड का ऑप्शन कोर्टिसोल दिया गया, जिसके बहुत साइड इफेक्ट्स थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सुष्मिता सेन ने कहा था कि मैंने लड़ाई लड़ने की अपनी सारी ताकत खो दी थी'. 4 साल तक पुरानी बीमारी से लड़ने के बाद एक्ट्रेस रोजाना योग करके ठीक हो गई. एडिसन के साथ अपनी लड़ाई को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि 'सितंबर 2014 में एडिसन नामक रोग एक ऑटो इम्यून कंडीशन के बारे में पता चलने के बाद मैं काफी हताश हो गई थी. इसने मुझे ऐसा महसूस कराया जैसे मेरा शरीर निराशा से भर गया हो. और मेरे अंदर अब कुछ करने की हिम्मत न बची हो. लेकिन फिर मुझे अपने दिमाग को मजबूत करने का एक तरीका खोजना पड़ा'.
एडिसन क्या है ?
एडिसन की बीमारी एक खतरनाक बीमारी है. जब कोई इस बीमारी से पीड़ित होता है, तो एल्डोस्टेर ग्रंथियों के खराब कामकाज के कारण एल्डोस्टेरोन और कोर्टिसोल जैसे हॉर्मोन की मात्रा तेजी से कम हो जाती है. आपको बता दें कि नार्मल रूप से कार्य करने के लिए एड्रनल ग्रंथियों के उत्पादन वाले हॉर्मोन आवश्यक होते हैं. एडिसन बीमारी अपर्याप्तता से जुड़ी होती है. हालांकि, एडिसन की बीमारी एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से है, जिससे बाद में एड्रेनल की कमी भी होने लगती है. यह रोग बहुत असामान्य है. यह एक दुर्लभ बीमारी है जो एक लाख में एक को ही होती है. लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकती है.
लक्षण -
ज्यादा थकान, वजन बढ़ना, त्वचा का काला पड़ना, ब्लड प्रेशर कम होना, नमक खाने का मन होना. यह रोग तब होता है जब एड्रीनल ग्लैंड डैमेज हो जाती हैं.
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कैसे ठीक हो सकते हैं इस बिमारी से
ननचाकू एक ट्रेनिंग वेपन है, जिसे चेन स्टिक भी कहा जाता है. इसमें एक छोटी रस्सी से जुड़ी दो स्टिक्स होती हैं. यह हथियार आमतौर से मार्शल आर्टिस्ट द्वारा उपयोग किया जाता है. कला रूप का अभ्यास करने वाले व्यक्ति को "नुंचकु" कहते हैं . ननचाकू अक्सर सेल्फ डिफेंस टेक्नोलॉजी के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन शरीर और दिमाग दोनों के लिए एक बेहतरीन वर्कआउट है.
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