स्मार्टफोन पर ज्यादा खेलने वाले बच्चे, देर से बोलना करते है शुरू
स्मार्टफोन, टैबलेट आदि पर समय बिताने वाले बच्चों की स्पीच प्रैक्टिस देर से होती है।
नई दिल्ली:
अगर आपके बच्चे छोटे है तो ये खबर आपके काम की है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर हम खुद बच्चों को बहलाने के लिए स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य उपकरण थमा देते है। लेकिन ये आदत बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकती है। एक शोध के मुताबिक स्मार्टफोन, टैबलेट आदि पर समय बिताने वाले बच्चों की स्पीच प्रैक्टिस देर से होती है।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादा देर तक स्क्रीन पर नजर टिकाए रखने के कारण बच्चे देरी से बोलना सीखते हैं। यदि वे स्मार्टफोन या टैबलेट रोज 30 मिनट तक देखते हैं तो उनकी बोलने की क्षमता में देरी 49 फीसदी कम होने का आशंका रहती है।
यह शोध छह महीने से दो साल के 894 बच्चों पर 2011 से 2015 के बीच में कनाडा में किया गया। बच्चों के माता-पिता के अनुसार 18 माह तक की जांच में करीब 20 प्रतिशत बच्चों ने औसतन 28 मिनट तक इन उपकरणों का इस्तेमाल किया।
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कनाडा के सिक चिल्ड्रन अस्पताल की वैज्ञानिक कैथरीन बिरकेन के बताया कि नई बालरोग गाइडलाइन में छोटे बच्चों के लिए टैबलेट और स्मार्ट फोन के उपयोग को सीमित करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि बिरकेन ने कहा कि अभी इस बारे में और शोध करना जरूरी है कि बच्चे स्क्रीन पर क्या गतिविधियां करते हैं।
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