टैटू जानलेवा शौक है! इस तरह का दावा अक्सर समय-समय पर होता रहा है. कई लोग टैटू और पियर्सिंग को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, लिहाजा सवाल है कि ये कितना सुरक्षित है? एक बात तो तय है कि टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाली निडिल जानलेवा संक्रमण का कारण बन सकती है, मगर अब कई लोगों का ये भी दावा है कि ये जोखिम अब केवल निडल तक नहीं, बल्कि टैटू इंक में भी मौजूद है. एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि टैटू बनाने में इस्तेमाल की जा रही इंक सुरक्षित नहीं है, इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है... आइये इससे जुड़े खतरों के बारे में विस्तार से जानें...
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक टैटू कराने वालों की त्वचा पर गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है, जिसका इलाजा काफी ज्यादा मुश्किल है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैटू कराते समय सावधानियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, साथ ही इससे पहले स्किन टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए. ताकि मालूम चल सके कि कहीं आपकी तव्चा पर इन रंगों का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं होगा. ताकि आप भनिष्य में होने वाले किसी भी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं.
अगर शोधकर्ताओं के लिहाज से देखा जाए तो, पता चलेगा कि टैटू के इंक में दो तरह के प्रमुख कंपोनेंट्स मौजूद होते हैं. पहला पिगमेंट और दूसरा कैरियर सोल्यूशन. जब इंक का रासायनिक विश्लेषण करते हैं, तब मालूम चलता है कि कुछ इंक ऐसी होती हैं, जिनमें इथेनॉल जैसे तत्वों की मौजूदगी होती है, जिससे हमारी त्वचा को गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है. ऐसे में कोशिश करें की जब कभी आप टैटू बनावाएं, पहले ये देख लें कि आपको इससे किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, साथ ही टैटू बनवाने के बाद भी कई तरह की सावधानी बरतें, ताकि बाद में भी इसका शरीर या त्वचा पर कोई नुकसान न हो.
Source : News Nation Bureau