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effects of curd( Photo Credit : social media)
दही (Curd) सभी को पसंद होता है, देश के उत्तरी हिस्सों से लेकर दक्षिणी और देश के पूर्वी हिस्सों तक जहां अरब सागर से जमीन मिलती है. दही भारतीय भोजन का एक बड़ा हिस्सा है. दही खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन कई बार दही आपको नुकसान भी पहुंचा देती है, ऐसा तब होता है जब आपको दही खाने के सही तरीके के बारे में नहीं पता होता है. आज हम दही से आपको कब और कितना नुकसान होता है, इसके बारे में चर्चा करते हैं. विशेषज्ञ के मुताबिक, दही के गुण उसके फरमेंटेशन के स्तर, सेवन के समय और इसके साथ क्या लिया जाता है के साथ बदल जाते हैं.
दही का टेस्ट, फ्लेवर और उसकी कंसीसटेंसी कल्चर पर निर्भर करती है. साथ ही बाहरी मौसम, सीजन का भी दही बनाने में बड़ा योगदान होता है. अधूरी तरीके से बनी हुई दही भी सेहत के लिए हानिकारक होती है, क्योंकि बाद में फिर इसे पचाने में भी दिक्कत होगी, इससे हमें बहुत सारी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है.पूरी तरीके से बनी हुई दही स्वीट और खट्ठी होती है. ये बाहरी मौसम पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है. ये दही बनाने का सही तरीका है. ज्यादा खट्ठी दही भी कई बार (Effects of curd) हानिकारक होती है, इससे गैस की समस्या की संभावना अधिक बढ़ जाती है.
दही से गैस का खतरा
साथ ही इससे जलन की भी संभावना होती है.दही को मछली, दूध, अन्य खट्टी चीजों आदि के साथ नहीं मिलाना चाहिए. ये रोक स्वास्थ्य को देखकर लगाई गई है. वहीं विरुद्धाहार के सेवन से विभिन्न , त्वचा रोग, गैस्ट्रिक गड़बड़ी आदि हो सकते हैं. रोग की स्थिति को देखते हुए जिसमें दही का संकेत दिया जाता है और यह देखा जा सकता है कि दही कुछ प्रकार के बुखार, स्वादहीनता, बवासीर), दस्त में फायदेमंद है.
Source : News Nation Bureau