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Mycoplasma Genitalium: इस सुपरबग के घातक हैं परिणाम, चुपके से दुनिया की आधी आबादी को बना रहा बांझ

Mycoplasma Genitalium: सुपरबग यानि बैक्टीरिया का ही एक रूप, जो कई बार इतने खतरनाक होते हैं कि इंसान की जान पर भी बात आ पहुंचती है.

Updated on: 12 Oct 2022, 10:43 AM

highlights

  • दूसरे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से है बेहद अलग
  • सालों तक इस बीमारी के लक्षणों का नहीं लग पाता पता

नई दिल्ली:

Mycoplasma Genitalium: सुपरबग यानि बैक्टीरिया का ही एक रूप, जो कई बार इतने खतरनाक होते हैं कि इंसान की जान पर भी बात आ पहुंचती है. ऐसा ही एक सुपरबग तेजी से फैल रहा है जिसकी वजह से बहुत से वैज्ञानिक चिंता में पड़ गए हैं. इस सुपरबग का नाम माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम है. इस सुपरबग की वजह से लोग इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे हैं. सुपरबग दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए चिंता का कारण इसलिए बना हुआ है क्योंकि इसका कोई एंटीबायोटिक अभी तक नहीं मिल पाया है. माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम के बारे में जानकारों का मानना है कि यह सबसे पहले साल 1980 में सामने आया था. लंदन में इस बैक्टीरिया की खोज की गई थी वहीं इस बीमारी का पता लगाने के लिए साल 2019 में सबसे पहले अमेरिका में टेस्टिंग भी हुई. 

घातक परिणामों के साथ हमला कर रहा बैक्टीरिया
इस बैक्टीरिया के प्रभाव घातक हैं और इस पर हर दवा बेअसर साबित हो रही है. इस बीमारी की पहचान एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के रूप में हुई है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस बैक्टीरिया को रोकने के लिए कोई दूसरा विकल्प मौजूद ही नहीं है. जो विकल्प मौजूद हैं वह गर्भवती महिलाओं के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं. इसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति बांझपन और गर्भाशय से जुड़ी बीमारियों से जूझता है. 

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किन लक्षणों के साथ होगी पहचान
इस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के विषय में सबसे खतरनाक यह है कि इसके लक्षणों का सालों तक पता नहीं लग पाता. दूसरे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज की तरह यह किसी एक लक्षण के साथ नहीं पहचाना जा सकता.इस सुपरबग के कुछ सामान्य लक्षण वैज्ञानिकों ने बताए हैं. यह प्रजनन अंगों पर अपने लक्षण दिखा सकता है. प्रजनन अंगों में सूजन या ब्लीडिंग के रूप में इसकी पहचान हो सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बीमारी का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचने का माध्यम यौन संबंध बनता है इसलिए अजन्मा बच्चा भी संक्रमित हो सकता है.