Second Month Pregnancy: दूसरे महीने की प्रेग्नेंसी के क्या है लक्षण, कैसे रहे तंदरुस्त
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जीवन की एक नई चरण होती है जो एक महिला के लिए खास होता है. आइए जानते हैं दूसरे महीने की गर्भावस्था के क्या लक्षण होते हैं, शिशु का गर्भ में कितने विकास होता है और इस दौरान महिला को किन चेकअप्स की जरुरत होती है और उन्हें क्य
नई दिल्ली:
Second Month Pregnancy: दूसरे महीने की प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला के शरीर में कई परिवर्तन और बदलाव होते हैं. इस समय में भ्रूण निर्मित होता है और मात्रा भी बढ़ती है. महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन भी होते हैं जिनसे वह अलग-अलग तरह की शारीरिक और भावनात्मक स्थितियों का अनुभव करती हैं. इस समय में बच्चे का शरीर विकसित होता है और उसके शिशुअंग भी विकसित होने लगते हैं. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जीवन की एक नई चरण होती है जो एक महिला के लिए खास होता है. आइए जानते हैं दूसरे महीने की गर्भावस्था के क्या लक्षण होते हैं, शिशु का गर्भ में कितने विकास होता है और इस दौरान महिला को किन चेकअप्स की जरुरत होती है और उन्हें क्या डायट चार्ट फॉलो करना चाहिए.
गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण
उल्टी और मतली: कुछ महिलाओं को उल्टी और मतली की समस्या हो सकती है.
शरीर में थकान: शरीर में अधिक थकान महसूस हो सकती है.
स्तन में बदलाव: स्तन में सूजन और टिंगलिंग का अनुभव हो सकता है.
ब्लीडिंग: कुछ महिलाओं को इस समय में लाइट ब्लीडिंग भी हो सकती है.
बार बार पेशाब: बार बार पेशाब की आवश्यकता हो सकती है.
चिपचिपा पेट: पेट में चिपचिपा महसूस हो सकता है.
मूड स्विंग्स: महिलाओं के मूड में परिवर्तन हो सकता है और वे अधिक चिंतित या चिढ़चिढ़ा हो सकती हैं.
भूख और खाने की इच्छा में परिवर्तन: कुछ महिलाओं की भूख बढ़ सकती है और कुछ को खाने की इच्छा में परिवर्तन हो सकता है.
ऊर्जा की कमी: अधिकांश महिलाओं को इस समय में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है.
मधुमेह और उच्च रक्तचाप: कुछ महिलाओं को मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है.
अगर कोई महिला इन लक्षणों का अनुभव कर रही है तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
गर्भावस्था के दूसरे महीने के शिशु का विकास
गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु का विकास बहुत तेजी से होता है. इस महीने में बच्चे के कई महत्वपूर्ण विकासात्मक घटक बनते हैं. यहां कुछ मुख्य विकासात्मक प्रक्रियाएं हैं:
अंग का विकास: शिशु का दिल, अंग, और नस्या का विकास शुरू होता है.
नस्या का विकास: नस्या या न्यूरल ट्यूब विकसित होता है, जो बाल की प्रारंभिक रूप से विकास को नियंत्रित करता है.
हृदय का विकास: हृदय की धारा विकसित होती है और बच्चे की हृदयगत क्रियाओं का आरंभ होता है.
आत्मा का विकास: शिशु की आत्मा का विकास शुरू होता है, जो उसके भावनात्मक और मानसिक विकास को प्रेरित करता है.
ऊतकों का विकास: शिशु के ऊतक और उनके संरचना का विकास होता है, जैसे कि अंग्रेजी, किडनी, लीवर, आदि.
शिशु का आकार: दूसरे महीने में, शिशु का आकार बड़ता है और उसकी दृढ़ता बढ़ती है.
अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रियाएं: अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रियाएँ शुरू होती हैं, जैसे कि आंतरिक श्वसन, आंतरिक पाचन, और गर्भाशय के प्रकार.
इंद्रियों का विकास: शिशु के इंद्रियों का विकास होता है, जो उसे उसके परिवेश से संपर्क करने में मदद करता है.
चेहरे का विकास: शिशु का चेहरा और मुख्य लक्षणों का विकास होता है, जैसे कि आंखें, नाक, और मुंह.
ये सभी प्रक्रियाएं दूसरे महीने में शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उसके संतुलनित और स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करती हैं.
गर्भावस्था के दूसरे महीने के हेल्थ चेकअप और टेस्ट
गर्भावस्था के दूसरे महीने में हेल्थ चेकअप और टेस्ट का महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह एक महत्वपूर्ण चरण है जब गर्भवती महिला के स्वास्थ्य का नियंत्रण और समर्थन किया जाता है. ये टेस्ट और हेल्थ चेकअप दूसरे महीने करवाने चाहिए:
सामान्य रोगाणु परीक्षण: डॉक्टर द्वारा सामान्य रोगाणु परीक्षण किया जाता है जो गर्भवती महिला के सामान्य स्वास्थ्य का पता लगाने में मदद करता है.
रक्त परीक्षण: हेमोग्लोबिन, हेमाटोक्रिट, और अन्य रक्त पैरामीटर्स का परीक्षण किया जाता है.
प्रेग्नेंसी टेस्ट: गर्भावस्था की पुष्टि के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जाता है.
विटामिन डी और फोलिक एसिड की जाँच: इन विटामिनों के स्तर की जांच की जाती है जो स्वस्थ गर्भावस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं.
गर्भावस्था की स्क्रीनिंग टेस्ट: गर्भावस्था की स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे कि NT स्कैन, सीएफएम, और अल्ट्रासाउंड आदि की जाँच की जाती है.
स्कैन और अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड टेस्ट करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह ली जा सकती है.
डॉक्टर का परामर्श: डॉक्टर के साथ समय-समय पर परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है ताकि उन्हें आपकी स्थिति का नियंत्रण रखने में मदद मिल सके.
इन सभी टेस्ट और हेल्थ चेकअप के माध्यम से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य का नियंत्रण और समर्थन किया जा सकता है और उनकी गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है.
गर्भावस्था के दूसरे महीने का डायट चार्ट
गर्भावस्था के दूसरे महीने के डायट चार्ट में महिलाओं को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन को शामिल करना चाहिए. इस महीने में उन्हें अधिक प्रोटीन, फोलेट, और विटामिन्स की आवश्यकता होती है. निम्नलिखित हैं कुछ स्वस्थ डायट की उपयुक्त सामग्रियां:
फल और सब्जियाँ: स्वस्थ फल और सब्जियाँ जैसे कि केला, सेब, आलू, गाजर, लौकी, अनार, आम, और संतरा आदि का सेवन करें.
अनाज और धान्य: अनाज और धान्य जैसे कि चावल, रोटी, दाल, आटा, ओट्स, और धान्य का सेवन करें.
प्रोटीन: उत्तम प्रोटीन स्रोत जैसे कि दूध, पनीर, दही, सोया बीन्स, चना, मूंगफली, और मांस का सेवन करें.
फोलेट: फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि हरा साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, गाजर, और खजूर आदि का सेवन करें.
अन्य पौष्टिक आहार: दूध, मक्खन, अंडे, मिष्टान, ड्राई फ्रूट्स, और संतरे का रस भी सेवन करें.
पानी: प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए.
सावधानियाँ: तली हुई चीजें, अत्यधिक कैफीन और अल्कोहल से बचें, और स्वस्थ आहार चयन करें.
यह स्वस्थ और पौष्टिक डायट चार्ट गर्भावस्था के दूसरे महीने के लिए महिलाओं के लिए उपयुक्त होता है और उनके और उनके शिशु के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें