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वैज्ञानिकों का दावा : जीन थेरेपी बना सकती है आपकी आंखें को फिर से नशीला

बढ़ते उम्र के साथ आंखों में होने वाली परेशानी को दूर करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने एक उम्मीद जगाई है. वैज्ञानिकों ने दवा किया है कि इस दिशा में जीन थेरेपी बहुत ही मददगार साबित होगा.

Updated on: 04 Dec 2020, 12:20 AM

दिल्ली:

उम्र बढ़ने के साथ आंखों की समस्या आम है. हर कोई चाहता है कि उनकी आखें हमेशा जवान रहे. बढ़ते उम्र के साथ आंखों में होने वाली परेशानी को दूर करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने एक उम्मीद जगाई है. वैज्ञानिकों ने दवा किया है कि इस दिशा में जीन थेरेपी बहुत ही मददगार साबित होगा. वैज्ञानिकों ने इस थेरेपी की मदद से चूहे की आंखों को फिर जवां करने में सफलता पाई है.

विश्व प्रसिद्ध पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक शोध ‘परिकल्पना का साक्ष्य’ के हिसाब से वैज्ञानिकों ने चूहों में उम्र के साथ आने वाली दृष्टिहीनता को रोक पाने में सफलता पाई है. वैज्ञानिकों ने जीन थेरेपी की मदद से चूहों की आंखों में स्थित जीन को फिर से युवावस्था के स्थिति में बहाल कर उनकी दृष्टि वापस लाने में सफलता पाई है. चूहों को भी काफी कुछ मनुष्यों में होने वाले मोतियाबिंद की तरह ही बीमारी से उम्र बढ़ने पर दिखाई देना बंद हो जाता है.

वैज्ञानिकों की माने तो यह अध्ययन उस पहले थ्योरी का अगला कदम है जिसमे बताया गया है कि आंख की तंत्रिका कोशिकाओं जैसे जटिल उत्तकों को सुरक्षित तरीके से पहले की उम्र तक ले जाना संभव हो सकता है. अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डेविड सिंक्लेयर ने कहा, “हमारा अध्ययन यह प्रदर्शित करता है कि रेटिना जैसे जटिल उत्तकों की उम्र को सुरक्षित तरीके से पीछे ले जाना और उनके युवावस्था के जैविक कामकाज को फिर से बहाल करना संभव है.”

बता दें कि प्रयोग के दौरान वैज्ञानिकों ने चूहे के रेटिना में तीन ऐसे जीन भेजे, जो रेटिना की क्षमता को युवावस्था के स्तर तक लाने में सक्षम थे. रेटिना तक जीन को पहुंचाने के लिए एडेनो एसोसिएटेड वायरस (एएवी) का इस्तेमाल किया गया. वैज्ञानिकों ने बताया कि ये तीन जीन ओसीटी4, एसओएक्स2 और केएलएफ4 आमतौर पर भ्रूण के विकास के समय सक्रिय होते हैं जिसके प्रयोग से आंखें फिर से जवान हो सकते हैं और उसमे रौशनी वापस आ सकती है.