Respiratory Syncytial Virus: श्वसन तंत्र को कैसे नुकसान पहुंचाता है रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस, जानें इसके कारण और लक्षण
Respiratory Syncytial Virus: रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) संक्रमण है जो साधारण रूप से बच्चों और बुढ़ापे में गंभीर श्वसन संबंधी समस्या का कारण बनता है. आइए जानें क्या है इसके लक्षण और कारण
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Respiratory Syncytial Virus: रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (Respiratory Syncytial Virus - RSV) एक वायरल संक्रमण है जो बुखार, खांसी, थकान, और नाक बहने जैसे लक्षणों के साथ ऊपरी श्वसन मार्ग संक्रमण का कारण बनता है. यह संक्रमण सबसे अधिक छोटे उम्र के बच्चों और वृद्धों में गंभीर हो सकता है, विशेष रूप से जिनकी प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर होती है. रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) संक्रमण सामान्यत: ठीक हो जाता है, लेकिन कई मामलों में यह गंभीर सांस लेने में मुश्किल, फेफड़ों में बुद्धि, और अन्य संक्रमणों को बढ़ा सकता है. बच्चों में यह संक्रमण खतरनाक हो सकता है, खासकर जन्म के पहले 6 महीने तक के नवजात शिशुओं में, जो अपने निर्वासन तंत्र को वृद्धि कर रहे होते हैं. रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) का इलाज मुख्यत: लक्षणों का प्रबंधन, सहायक उपचार और चिकित्सा स्थितियों के आधार पर होता है. गंभीर मामलों में, अस्पताल में चिकित्सा स्थानांतरण की आवश्यकता हो सकती है. रोगी को उचित चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है, जिसमें ऑक्सीजन थेरेपी, दवाओं का सेवन और हैद्रेशन शामिल हो सकता है. एक स्टडी में पाया गया है कि यह समस्या ज्यादातर पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है. भारत में हर साल प्रति 1 हजार में से 53 बच्चे में यह संक्रमण पाया जाता है.
रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) के कारण
संपर्क: RSV संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. यह वायरस जीवाणुओं से फैलता है जो साधारण रूप से निस्तेजीय द्रव से फैलते हैं, जैसे कि छींकना या खासी करना.
संक्रमित वस्त्र: RSV की संक्रमण का खतरा उन वस्त्रों या वस्त्रों के संपर्क में आने वाले बच्चों के लिए अधिक होता है जो RSV से संक्रमित हो सकते हैं.
वायरल एरोसोल: RSV छलांग के माध्यम से भी फैल सकता है, यानी यह छोटे वायरस द्रव बूंदों के रूप में वायुमंडल में उड़ता है, जो व्यक्ति के नाक या मुंह के संपर्क में आने पर संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं.
संक्रमण श्रेणियाँ: RSV की संक्रमण अधिकतर गर्मियों और मौसम बदलावों के समय में होती है. बच्चों को अधिकतर 2 वर्ष की उम्र तक RSV संक्रमण होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है.
रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) के लक्षण
नाक बंद होना
सांस लेने में कठिनाई
कफ या सूखी खांसी
बुखार
सांस की गहराई में कमी (निश्चित मामलों में, यह गंभीर हो सकता है)
अधिकतम तापमान
खाने में कमी या चुस्ती के दौरान अक्षमता
रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) के इलाज
सामान्य संरक्षण उपाय (घरेलू उपचार): बहुत सारे रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस (RSV) संक्रमण स्वतः ही ठीक हो जाते हैं और किसी विशेष चिकित्सा उपचार की जरूरत नहीं होती है. इसके लिए, योग्य आहार, प्रायोगिक विश्राम, अधिक पानी पीना, और संक्रमण के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाओं का सेवन किया जा सकता है.
दवाएँ: अनुशंसित दवाओं में, बुखार कम करने वाली दवाएँ, खांसी की दवाएँ, और बुखार की दवाएँ शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा, कुछ बार डॉक्टर एंटीबायोटिक्स भी प्रीस्क्राइब कर सकते हैं, खासकर अगर संक्रमण को बढ़ते हुए लक्षण या संभावित उपसर्ग होते हैं.
हाइड्रेशन: बच्चों और बुढ़ापे वालों के लिए, हाइड्रेशन एक महत्वपूर्ण उपाय है. यह साइड इफेक्ट्स को कम करने में मदद करता है और रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस के कारण होने वाली ऊपरी श्वसन मार्ग संक्रमण के कारकों को संभावित रूप से कम कर सकता है.
अस्पताल में चिकित्सा देखभाल: गंभीर रेस्पिरेटरी सिंसिशल वायरस संक्रमण के मामलों में, जैसे कि सांस लेने में मुश्किल, लहराती सांसें, या अन्य संक्रमण के संकेत, बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है. वहां, चिकित्सक उचित चिकित्सा देखभाल, ऑक्सीजन थेरेपी, और अन्य संबंधित उपाय प्रदान करेंगे.
कृपया ध्यान दें कि यह उपाय केवल सामान्य रूप से अनुशंसित उपाय हैं. संक्रमण के गंभीरता और व्यक्ति की स्थिति के आधार पर, चिकित्सक हमेशा उचित चिकित्सा निर्देशन प्रदान करेंगे.
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