आज ही शराब को कहे बॉय-बॉय, मानसिक स्वाथ्य रहेगा पूरी तरह ठीक

अगर आपको लगता है कि कम मात्रा में शराब पीने से आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा, तो आपको फिर से सोचने की जरूरत है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि शराब छोड़ने से पूरी तरह से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है.

अगर आपको लगता है कि कम मात्रा में शराब पीने से आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा, तो आपको फिर से सोचने की जरूरत है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि शराब छोड़ने से पूरी तरह से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है.

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Vineeta Mandal
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आज ही शराब को कहे बॉय-बॉय, मानसिक स्वाथ्य रहेगा पूरी तरह ठीक

(सांकेतिक चित्र)

अगर आपको लगता है कि कम मात्रा में शराब पीने से आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा, तो आपको फिर से सोचने की जरूरत है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि शराब छोड़ने से पूरी तरह से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. खासकर महिलाओं के लिए यह अधिक कारगर है. शराब का औसत सेवन पुरुषों के लिए सप्ताह में 14 पैग जबकि महिलाओं के लिए सप्ताह में 7 पैग निर्धारित किया गया है.

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अध्ययन में पाया गया है कि जिन पुरुष और महिलाओं ने जीवनभर शराब से दूरी बनाए रखी, उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहा. सीएमएजे पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार, जो महिलाएं औसत शराब पीती थी या शराब पीना छोड़ देती थी, उनमें मानसिक तौर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिले. फिलहाल यह अध्ययन चीन व अमेरिका के नागरिकों पर हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह शोध भारतीय नागरिकों पर भी किया जा सकता है.

गुरुग्राम के नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के परामर्श चिकित्सक गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी नवीन कुमार के मुताबिक, एक महीने के लिए भी शराब छोड़ना पेट और शरीर की रस प्रक्रिया (मेटाबॉलिक) सिस्टम को दुरुस्त करने में मदद कर सकता है और इसके लक्षणों को खत्म कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ को भी बढ़ावा देता है.

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नवीन ने बताया, 'एक स्वस्थ मस्तिष्क और जिगर के लिए शराब से परहेज अनिवार्य है. एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली और दिल के लिए भी शराब से दूरी बनानी जरूरी है. खासकर महिलाओं पर शराब का प्रभाव अधिक हानिकारक है.'

नोएडा के जेपी अस्पताल में वरिष्ठ परामर्श चिकित्सक मृणमय कुमार दास ने बताया, 'शराब हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक है और हमारी मनोदशा में उतार-चढ़ाव ला सकती है. शराब हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को कम करती है. इसके नियमित सेवन से मस्तिष्क का रसायन विज्ञान बदल जाता है जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य में गिरावट आती है.'

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